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राष्ट्रपति ने समझाई संसद की कार्यप्रणाली

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: संसद और नीतियों के निर्धारण को लेकर सोमवार को राष्ट्रपति प्रणव मुखर

By Edited By: Published: Mon, 19 Jan 2015 06:38 PM (IST)Updated: Tue, 20 Jan 2015 05:11 AM (IST)
राष्ट्रपति ने समझाई संसद की कार्यप्रणाली

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: संसद और नीतियों के निर्धारण को लेकर सोमवार को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से देश के सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों, राष्ट्रीय प्रौद्योगिक संस्थानों और आइआइटी संस्थानों के छात्रों, फैकल्टियों और अधिकारियों को संबोधित किया।

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गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय ने चौरास ऑडिटोरियम व एनआइटी ने परिसर के लैक्चर हॉल में वीडियो कांफ्रेंसिंग से राष्ट्रपति के संबोधन को सुनने की व्यवस्था की थी। जिसमें गढ़वाल विवि के कुलपति, विवि के अधिकारी, प्राध्यापक और छात्र भी बड़ी संख्या में शामिल हुए। गढ़वाल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जवाहरलाल कौल ने कहा कि राष्ट्रपति का संबोधन बहुत ही प्रेरणादायी और हर एक के लिए अपडेट जानकारियों से परिपूर्ण था। जेएनयू दिल्ली, बीएचयू बनारस, आइआइटी कानपुर के छात्रों ने इस संबोधन में राष्ट्रपति से संसद और नीतियों के निर्धारण को लेकर प्रश्न भी पूछे, जिसका राष्ट्रपति ने उत्तर भी दिया। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने अपने संबोधन में संसद और नीतियों के निर्धारण के साथ ही देश के उच्च शिक्षा के केंद्रों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने पर भी विशेष जोर दिया। कानून बनाने अथवा संशोधन को लेकर केंद्र सरकार को राज्यसभा में आने वाली दिक्कतों को भी रेखांकित किया। साथ ही राष्ट्रपति ने संसद की बैठकों में होती जा रही निरंतर कमी का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पहली, दूसरी और तीसरी लोकसभा के दौरान 600 से अधिक बैठकें हुआ करती थीं, अब यह संख्या लगभग 300 तक आ पहुंची है। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान परिसर में निदेशक डॉ. एच थोराट, उप कुलसचिव डॉ. विनीता नेगी और संस्थान की सभी फैकल्टियों और शिक्षकों ने राष्ट्रपति के संबोधन को सुना।


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