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लीनियस विवि के प्रोफेसरों ने साझा किए अनुभव

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: गढ़वाल विवि समाजशास्त्र एवं समाज कार्य विभाग तथा लीनियस विश्वविद्या

By Edited By: Published: Tue, 09 Dec 2014 06:28 PM (IST)Updated: Tue, 09 Dec 2014 06:28 PM (IST)
लीनियस विवि के प्रोफेसरों ने साझा किए अनुभव

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: गढ़वाल विवि समाजशास्त्र एवं समाज कार्य विभाग तथा लीनियस विश्वविद्यालय स्वीडन के विशेषज्ञों ने अपने-अपने देशों में सामाजिक स्तर पर आ रहे बदलावों पर अनुभव साझा किए। विशेषज्ञों का मानना था कि आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हर क्षेत्र में क्षमतावान युवा पेशेवरों की जरूरत है।

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गढ़वाल विवि के समाजशास्त्र समाज कार्य विभाग के सभागार में मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में अंतर्राष्ट्रीय समाज एवं समकालीन भारतीय समाज विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गढ़वाल विवि के स्कूल ऑफ सोशल साइंस के डीन प्रो. जेपी पचौरी ने कहा कि वर्तमान समय में समाजकार्य विभाग की जिम्मेदारियां बढ़ गई है। भारत में प्रमुख अल्पसंख्यक अपनी धार्मिक विशेषताओं को बनाए रखने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विदेशी मूल के धर्म भारत में आए वह भी भारतीय समाज के अभिन्न अंग बन गए हैं। लीनियस विवि स्वीडन के प्रो. केरोलिना ने कहा कि समाज में व्याप्त विसंगतियों को दूर करने में समाज कार्य विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। गढ़वाल विवि के समाज कार्य विभाग के कार्यो का आंकलन करने से यह स्पष्ट है कि यह विभाग राष्ट्रीय जनजागरूकता कार्यक्रमों का संचालन बखूबी कर रहा है। स्वीडन की प्रो. अनिका, प्रो. एन ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। डॉ. जेपी भट्ट ने कार्यक्रम का संचालन किया। पर्वतीय विकास शोध केंद्र के नोडल अधिकारी डॉ. अरविंद दरमोड़ा, डॉ. किरन डंगवाल, डॉ. उमा बहुगुणा, डॉ. ज्योति गैरोला सहित विभाग के शोध छात्र-छात्राएं भी इस अवसर पर उपस्थित थे।


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