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उजाड़ हुए प्रकृति के खूबसूरत नजारे

संवाद सहयोगी, पौड़ी : वन विभाग की ओर से पर्यटकों को सफर की थकान से सुकून दिलाने के लिए बनाए गए शोभास

By Edited By: Published: Tue, 25 Nov 2014 09:18 PM (IST)Updated: Tue, 25 Nov 2014 09:18 PM (IST)
उजाड़ हुए प्रकृति के खूबसूरत नजारे

संवाद सहयोगी, पौड़ी : वन विभाग की ओर से पर्यटकों को सफर की थकान से सुकून दिलाने के लिए बनाए गए शोभास्थल उजाड़ होकर रह गए हैं। इन स्थलों पर कंटीली झाड़ियां ही पर्यटकों के स्वागत कर रही हैं। साथ ही यहां वीरानी छाई रहती है।

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पर्यटन ग्राम खिर्सू को जानी वाली सड़क के आसपास बिखरी नैसर्गिक छटा इस मार्ग को खूबसूरत बनाती है। बांज-बुरांश के घने जंगल और दूर-दूर तक फैला कुदरत का विहंगम नजारा भी यहां की विशेषताओं में शामिल है। प्राकृतिक सौंदर्य को देखते हुए एक दशक पूर्व वन विभाग ने पर्यटन विकास के नाम पर कठूलीचौरी और गोलीखांदा के खुले और सुरम्य स्थान पर वन मनोरंजन शोभास्थलों का निर्माण कराया था। इसका उद्देश्य यह था कि पर्यटन ग्राम को जाने वाले पर्यटक बीच में रुककर कुदरती नजारों का आनंद ले सकें। यहां से दूर-दूर तक फैले जंगल और पर्वतों का भी खूबसूरत नजारा दिखाई देता है। इन शोभास्थलों को पार्क जैसा स्वरूप दिया गया और यहां बैठने का भी इंतजाम था। बारिश और धूप से बचाव को यहां खूबसूरत गोल छतरियां भी बनाई गई थी। साथ ही फुलवारी में महकते फूल भी आस पास के वातावरण को खुशनुमा बनाती थी। लेकिन, अब न तो फूलों की महक रही और न ही बारिश व धूप से बचाने वाली छतरियां। कभी सुकून देने वाली इन शोभास्थलों में अब कांटों के सिवा और कुछ शेष नहीं बचा है।

ये था शोभास्थल का मकसद

- सफर की थकान में पर्यटकों को सुकून देना

- जंगल में उगने वाले फूलों से परिचय कराना

- नजदीक से महसूस किया जा सके घने जंगलों का आनंद

- मीलों दूर तक दिखते कुदरत के नजारे

- नजदीकी गांवों के परिवेश से भी होगा परिचय

- पर्वतराज का विहंगम नजारा

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खिर्सू मार्ग पर बने वन मनोरंजन शोभा स्थल तो अब सिर्फ नाम के ही रह गए हैं। एक समय में बड़ी तादाद में पर्यटक यहां कुदरत के नजारों का लुत्फ उठाने पहुंचते थे। लेकिन, अब सब बीते जमाने की बात हो गई। वन विभाग व पर्यटन को इस दिशा में सुधार के प्रयास करने चाहिए।

दिगपाल सिंह, ग्राम पंचायत प्रधान, सिंगोरी

करीब एक दशक से भी अधिक समय के बाद वन मनोरंजन शोभास्थल निर्माण के लिए विभाग में बजट की व्यवस्था हुई थी। लेकिन, उसके बाद से स्थलों के रखरखाव के लिए कोई बजट नहीं आया। आदवानी स्थित शोभास्थल को पर्यटन व विधायक के प्रयासों से संवारा गया है।

जसपाल सिंह रावत, रेंजर, पौड़ी प्रभाग


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