सड़क पर वाहन, पार्किंग में गोदाम
संवाद सहयोगी, कोटद्वार : नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्य मार्गो से लगे हिस्सों में पिछले कुछ सालों
संवाद सहयोगी, कोटद्वार : नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्य मार्गो से लगे हिस्सों में पिछले कुछ सालों में बेसमेंट निर्माण की बाढ़ आ गई है। नियमानुसार कांपलेक्स निर्माण के दौरान बनाए जा रहे बेसमेंट में दुकान या गोदाम के बजाय पार्किंग की व्यवस्था ही जानी चाहिए, लेकिन लोग नियमों को ताक पर रख पार्किंग की व्यवस्था को दरकिनार कर रहे हैं। इस कारण लोग अपने वाहन मुख्य सड़क पर ही खड़ा कर देते हैं। नतीजतन मुख्य मार्ग पर जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
भवन निर्माण एवं विकास उपविधि/ विनियम 2011 के तहत कांपलेक्स/भवन निर्माण में बेसमेंट सहित पार्किंग के नियम तो बनाए गए, लेकिन पालिका व प्रशासन की लापरवाही के चलते इन नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। नियमों को ताक पर रख लोग जहां बहुमंजिला कांपलेक्स बना रहे हैं। वहीं, कांपलेक्स में बने बेसमेंट में पार्किंग बनाने के बजाय दुकान व गोदाम बना रहे हैं। इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
पालिका भी नींद में
ग्रामीण क्षेत्र में बन रहे बेसमेंट में हो रही नियमों की अनदेखी को लेकर पालिका कार्रवाई नहीं कर सकती है। नगर क्षेत्र में पूर्व में बन चुके व वर्तमान में बने व निर्माणाधीन कांपलेक्स के बेसमेंट में पार्किंग की व्यवस्था की जिम्मेदारी नगर पालिका की है, लेकिन पालिका ने आज तक एक भी कांपलेक्स स्वामी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की।
यह हैं नियम
-बेसमेंट का प्रयोग रिहायशी उपयोग के लिए नहीं किया जा सकता।
-भवन में बेसमेंट केवल भंडारण के लिए प्रयोग कर सकते हैं।
-जिस भूखंड में कांपलेक्स निर्माण किया गया हो, उसके 25 फीसदी क्षेत्र को पार्किंग के लिए आरक्षित रक्षा जाए।
-कांपलेक्स निर्माण भूमि की सीमा के अंर्तगत वहां आने वाले लोगों के फुटपाथ बनाए जाएं।
-किसी अन्य की संपति के न्यूनतम तीन मीटर की दूरी पर बेसमेंट नहीं बनाया जा सकता।
-बेसमेंट निर्माण को अनुमति आवश्यक।
-बेसमेंट में दुकान या गोदाम नहीं खोल सकते।
भवन/कांपलेक्स बेसमेंट की स्थिति
नगर क्षेत्र में : दस
ग्रामीण क्षेत्र में : पांच
पालिका को तत्काल जांच के निर्देश जारी किए जा रहे हैं। संबंधित विभागों लोनिवि व एनएच को भी ऐसे मामलों की जांच कर संबंधित के खिलाफ शिकायत करने को कहा जा रहा है। शिकायत मिलने के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
चंद्रशेखर भट्ट, जिलाधिकारी, पौड़ी