कालिंका में पशुबलि को लेकर प्रशासन सतर्क
संवाद सहयोगी, पौड़ी: आगामी 23 नवंबर से शुरू होने वाले कालिंका मेले मे पशुबलि न हो इसके लिए प्रशासन सत
संवाद सहयोगी, पौड़ी: आगामी 23 नवंबर से शुरू होने वाले कालिंका मेले मे पशुबलि न हो इसके लिए प्रशासन सतर्क हो गया है। शनिवार को प्रशासनिक अधिकारिययों ने पशु बलि विरोधी संस्थाओं ने स्थानीय ग्रामीणों व मंदिर समिति के साथ बैठक की। स्थानीय लोगों ने भी सहयोग का भरोसा दिया।
शनिवार को गढ़वाल व कुमाऊं की सीमा पर स्थित कालिंकाखाल में हुई बैठक की अध्यक्षता करते जिलाधिकारी चंद्रशेखर भट्ट ने कहा कि वर्तमान समाज में पशुबलि उचित नहीं है। जनपद के अन्य सभी क्षेत्रों में जन जागरुकता से पशु बलि पूरी तरह से बंद हो गई है। बिजाल संस्था की अध्यक्ष सरिता नेगी ने कहा कि पशुबलि रोकने में स्थानीय लोगों की भूमिका बेहद अहम होती है। उन्होंने सभी से सहयोग की अपील की।
समिति के अध्यक्ष ज्ञान सिंह रावत, सचिव सतेंद्र सिंह रावत, मोहन सिंह रावत आदि ने कहा कि इस वर्ष समिति की ओर से कोई पशुबलि नहीं दी जाएगी,समिति पूरी तरह से प्रशासन के साथ मिलकर जागरुकता अभियान में साथ देगी।
बैठक में मंदिर समिति के अध्यक्ष ज्ञान सिंह रावत, सचिव सतेंद्र सिंह रावत, मोहन सिंह रावत आदि मंदिर में सात्विक पूजा व पशुबलि रोकने को लेकर जन जागरुकता में प्रशासन का पूरा सहयोग किया जाएगा। जिलाधिकारी क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता में रखने का भरोसा दिया। इस मौके पर एसडीएम थलीसैण अनिल गब्र्याल अल्मोड़ा केएसडीएम श्याम सिंह राणा, बिजाल संस्था के गांधी सिंह नेगी व स्थानीय जनप्रतिनिधि उदय सिंह, लता देवी, सुरेंद्र बिष्ट, डॉ भरत शाह, डा नरेंद्र लाल, धरम सिंह समेत स्थानीय ग्रामीण मौजूद थे। संचालन राजेंद्र सिंह ने किया।