सैंपल के नाम पर भी छल
जागरण संवाददाता, कोटद्वार: प्रदेश में खाद्य सुरक्षा अधिनियम को 'तंत्र' ने किस तरह मजाक बना दिया है,
जागरण संवाददाता, कोटद्वार: प्रदेश में खाद्य सुरक्षा अधिनियम को 'तंत्र' ने किस तरह मजाक बना दिया है, इसका अंदाजा महज इस बात से ही लगाया जा सकता है कि खाद्य सुरक्षा के नाम पर होली के दौरान लिए गए सैंपलों की जांच रिपोर्ट अभी तक खाद्य सुरक्षा अधिकारी को नहीं मिल पाई है। हैरानी की बात तो यह है कि वर्तमान में जो रिपोर्ट खाद्य सुरक्षा अधिकारी के पास पहुंची हैं, वे गत वर्ष दीपावली के मौके पर लिए गए सैंपल की हैं।
बाजार में मिलावटी खाद्य पदार्थो की बिक्री रोकने के लिए भले ही खाद्य सुरक्षा अधिनियम बना भले ही दावे बड़े-बड़े किए जा रहे हों, लेकिन विभाग की लचर ढर्रा ही अधिनियम की धज्जियां उड़ा रहा है। आलम यह है कि खानापूर्ति के नाम पर सैंपल तो भरे जा रहे हैं, लेकिन रिपोर्ट भगवान भरोसे है। प्रदेश में खाद्य सुरक्षा अधिनियम की हकीकत का अंदाजा महज इस बात से ही लगाया जा सकता है कि खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने गत दीपावली में जो सैंपल टेस्टिंग के लिए भेजे थे, उनकी रिपोर्ट अब मिल पाई हैं। यह भी बताना जरूरी है कि इस वर्ष होली के दौरान लिए गए सेंपल की जांच रिपोर्ट अभी तक संबंधित अधिकारियों को नहीं मिली है। होली में विभागीय अधिकारियों ने कोटद्वार क्षेत्र से 42 सैंपल भरे थे।
दो सैंपल फेल
गत वर्ष दीपावली के दौरान लिए गए अलग-अलग खाद्य पदार्थो की सैंपल रिपोर्ट अब जाकर विभाग की मिली है व इसमें दो सेंपल फेल होने पाए गए हैं। गत वर्ष खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने होली व दीपावली में कोटद्वार क्षेत्र में खाद्य पदार्थो के 35 सैंपल भरे गए थे। फेल हुए दो सैंपलों में मिलावट तो नहीं पाई गई, लेकिन मानकों में कमी के आधार पर इन्हें फेल किया गया। खाद्य सुरक्षा अधिकारी संजय कुमार ने बताया कि दोनों व्यापारियों के विरूद्ध मामला दर्ज किया जा रहा है।
कोटद्वार क्षेत्र में लिए गए सैंपल
वर्ष लिए सैंपल फेल
2012 37 02
2013 39 07
2014 56 01 (अब तक)
'नियमानुसार लैब से 14 दिन में रिपोर्ट मिलने का प्रावधान है, लेकिन कर्मियों की कमी के चलते इसे 180 दिन कर दिया गया है। पूरे प्रदेश के मिले सैंपलों की जांच एक ही लैब में होती है, इस कारण संभवत: विलंब हुआ होगा।
प्रमोद रावत, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी, पौड़ी।