Move to Jagran APP

पलायन रोकने को चकबंदी जरूरी

जागरण संवाददाता, पौड़ी: पहाड़ों में आवश्यक रुप से चकबंदी को लेकर आयोजित चकबंदी मंथन शिविर बुधवार को सं

By Edited By: Published: Thu, 09 Oct 2014 03:03 AM (IST)Updated: Thu, 09 Oct 2014 12:43 AM (IST)
पलायन रोकने को चकबंदी जरूरी

जागरण संवाददाता, पौड़ी: पहाड़ों में आवश्यक रुप से चकबंदी को लेकर आयोजित चकबंदी मंथन शिविर बुधवार को संपन्न हो गया। दो दिन तक चले इस मंथन शिविर में विभिन्न जनपदों से आए विशेषज्ञों, किसानों ने एक स्वर में चकबंदी लागू करने की वकालत की। उनका कहना था कि चकबंदी ही पहाड़ों में बंजर भूमि और लगातार हो रहे पलायन को रोकने में कारगार साबित होगी। ऐसे में सरकार कानून बनाने में हीलाहवाली न करे।

loksabha election banner

संस्कृति भवन में गरीब क्रांति अभियान के तहत आयोजित मंथन शिविर के समापन अवसर पर जनपद के विभिन्न क्षेत्रों से आए किसानों ने भी चकबंदी को लेकर हामी भरी। टिहरी से आए बीज बचाओ आंदोलन के प्रणेता विजय जड़धारी ने राज्य बनने के बाद भी पहाड़ों में चकबंदी कानून न बनाए जाने पर सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। उनका कहना था कि सरकार पहाड़ों से हो रहे पलायन को तो मान रही है, लेकिन जब उसे रोकने के उपाय बताए जा रहे हैं तो उन्हें सिरे से खारिज कर रही है। नाबार्ड के पूर्व महाप्रबंधक डॉ. बीपी नौटियाल ने पहाड़ों में चकबंदी कैसे हो, इसे विस्तार से बताया। अल्मोड़ा से आए किसान सभा के पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा कि मौजूदा समय में पहाड़ की खेती बुरे दौर से गुजर रही है। ऐसे वक्त में यदि सरकार चेती नहीं और चकबंदी कानून बना कर इसे लागू न किया तो आने वाले दिनों में पहाड़ों से पलायन की एक भयंकर तस्वीर सामने नजर आएगी। जीएमवीएन के पूर्व महाप्रबंधक चतुर सिंह ने कहा कि पहाड़ों में चकबंदी को बहुत पहले लागू हो जाना चाहिए था। चकबंदी आंदोलन के प्रणेता गणेश गरीब ने कहा कि सरकार चाहे तो जल्द ही चकबंदी कानून बना सकती है पर इसके लिए मन साफ होना चाहिए। पूर्व बंदोबस्त अधिकारी कुंवर सिंह ने चकबंदी के बारे में विस्तार से किसानों को जानकारी दी। गरीब क्रांति अभियान के ललित मोहन कोठियाल ने कहा कि चकबंदी ही बंजर पड़ी भूमि का हरियाली में बदल सकती है। दिन भर चले आत्म मंथन में इस बात पर भी किसानों ने जोर दिया कि गांवों में भी ऐसे मंथन शिविर आयोजित किए जाने चाहिए जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के काश्तकार भी चकबंदी के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें। इस मौके पर सत्यपाल सिंह, मनीष सुंद्रियाल, बी मोहन नेगी, अरविंद मुद्गल, गणेश खुगशाल, कलम सिंह सहित विभिन्न क्षेत्रों से आए किसानों ने भी विचार रखे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.