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हाथी को बचाने के चलते गई जान

By Edited By: Published: Fri, 05 Sep 2014 12:59 AM (IST)Updated: Fri, 05 Sep 2014 12:59 AM (IST)
हाथी को बचाने के चलते गई जान

जागरण संवाददाता, कोटद्वार: नजीबाबाद-बुआखाल राष्ट्रीय राजमार्ग पर मध्य रात्रि दुगड्डा-कोटद्वार के बीच सड़क में आए हाथी को बचाने के प्रयास में ट्रक असंतुलित हो हाईटेंशन लाइन के पोल से जा टकराया। दुर्घटना में ट्रक चालक की मौके पर ही मौत हो गई।

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जानकारी के अनुसार, मध्य रात्रि दुगड्डा से कोटद्वार की ओर आ रहा एक ट्रक संख्या कोटद्वार से करीब छह किमी पहले अनियंत्रित होकर सड़क किनारे हाईटेंशन लाइन के पोल से जा टकराया। टक्कर इस कदर जबरदस्त थी कि विद्युत पोल पूरी तरह टूट गया। साथ ही विद्युत लाइनें भी टूट गई। सूचना मिलने पर रात्रि करीब सवा बारह बजे '108' आकस्मिक सेवा मौके पर पहुंची। करीब चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद ट्रक चालक अगरोड़ा निवासी पूरण सिंह (39) पुत्र हुकुम सिंह को लेकर ट्रक से निकाला जा सका। '108' वाहन से उसे राजकीय संयुक्त चिकित्सालय में लाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बताया जाता है कि जिस स्थान पर दुर्घटना हुई, वहां आसपास जंगल में हाथियों का झुंड था। ट्रक तेज रफ्तार में कोटद्वार की ओर आ रहा था। इसी दौरान झुंड से अलग हुआ एक हाथी सड़क पर आ गया। हाथी को सामने देख ट्रक चालक का ट्रक से नियंत्रण छूट गया व ट्रक सड़क किनारे विद्युत पोल से जा टकराया। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया।

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तो नहीं जाती पूरण की जान

पुलिस व परिवहन महकमा सक्रिय होता तो पूरण सिंह को जान से हाथ नहीं धोना पड़ा। दरअसल, उत्तर प्रदेश शासनकाल में जारी एक शासनादेश के अनुसार पर्वतीय क्षेत्रों में रात आठ बजे से तड़के तीन बजे तक वाहनों का संचालन नहीं किया जाएगा। हैरानी यह है कि परिवहन विभाग ने इस शासनादेश को अमल में लाने की जहमत ही नहीं उठाई। पुलिस महकमा भी पूरी तरह मुंह मोड़े हुए है। गौरतलब है कि करीब एक वर्ष पूर्व पुलिस की इसी कमी के चलते दुगड्डा से चोरों ने मैक्स जीप उड़ा ली थी।

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रात में पर्वतीय क्षेत्रों में वाहनों का संचालन पुलिस की नाकामी है। बीती रात हुई दुर्घटना से स्पष्ट है कि पुलिस ने दुगड्डा चैकपोस्ट पर ट्रक को नहीं रोका। परिवहन विभाग की ओर से भी कई बार रात में चैकिंग की जाती है। यदि इस दौरान वाहन का संचालन होना पाया जाता है तो संबंधित वाहन चालक के विरुद्ध कार्रवाई की जाती है।

सुरेंद्र कुमार, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी, कोटद्वार

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