फिर खतरे के मुहाने पर आया नौली गांव
संवाद सहयोगी, पौड़ी: आपदा के सहमे नौली गांव में धीरे धीरे सब कुछ सामान्य हो रहा था, लेकिन बदले हालातों ने नौली समेत आसपास के गांवों को भी खतरे के मुहाने पर ला दिया है। गांव के ऊपर जहां कभी घना जंगल था वहां अब मलवा और बोल्डरों का पहाड़ बड़े खतरे की ओर इशारा कर रहा है।
स्वतंत्रता दिवस की अल सुबह नौली गांव के लिए आफत लेकर आई। गांव के ठीक ऊपर बादल फटा। एक बुजुर्ग दंपती अपने घर में ही दफन हो गए। सैकड़ों की तादाद में खेत व पैदल रास्ते पानी के स्रोत, चारागाह सब बर्बाद हो गया। दूसरे दिन मलवे में दबे दंपती के शव बरामद किए गए। नौली के ठीक ऊपर जिस स्थान पर बादल फटा वहां बेहिसाब मलवा साफ दिख रहा है। हल्की बारिश भी यहां दिक्कत ला सकती है। समय रहते कोई व्यवस्था नहीं की गई तो नौली समेत कांडई व सुतारगांव में भी जन जीवन सुरक्षित नहीं रह पाएगा। आपदा के दौरान मदद में जुटे सामाजिक कार्यकर्ता रमेश रावत, क्षेत्र पंचायत सदस्य संजय डबराल, नौली निवासी चक्रधर प्रसाद, ऊमा देवी आदि ने बताया कि जहां बादल फटा वहां पहले घना जंगल था। लेकिन अब पूरे क्षेत्र में मिट्टी व बोल्डर के सिवाए कुछ नहीं है। हल्की सी बारिश भी मलबे को कभी नीचे धकेल सकती है।