संसाधनों की मारी, राजस्व पुलिस बेचारी
जागरण संवाददाता, कोटद्वार: क्षेत्र में राजस्व पुलिस अपराध पर काबू पाने में पूरी तरह अक्षम साबित हो रही है। पिछले चार महीनों में क्षेत्र में चोरी की दो बड़ी वारदात हुई, लेकिन राजस्व पुलिस दोनों ही मामलों का खुलासा करने में पूरी तरह नाकाम रही। हैरानी की बात तो यह है कि पीड़ित लगातार मामलों को रेगुलर पुलिस को सुपुर्द करने की मांग कर रहे हैं।
अपराध चाहे कोटद्वार तहसील में हो अथवा लैंसडौन तहसील में, दोनों ही तहसीलों में राजस्व पुलिस अपराधों पर अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रही है। पिछले चार महीनों में क्षेत्र में चोरी की दो बड़ी वारदात हुई, इनमें पहली वारदात कोटद्वार तहसील क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम मंदिरगांव में हुई। गत आठ अप्रैल को अज्ञात बदमाश ग्राम मंदिर गांव निवासी दिलवर सिंह राणा के आवास से करीब पांच लाख के जेवरात ले उड़े। दिनदहाड़े हुई चोरी की घटना का करीब चार माह बाद भी खुलासा नहीं हुआ है।
चोरी की दूसरी बड़ी घटना लैंसडौन तहसील क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम परसुली में हुई। गत 14 मई को अज्ञात बदमाश परसुली निवासी हरीश बिंजोला के आवास से करीब 25 लाख की नकदी के साथ ही लाखों के जेवरात ले उड़े। नकदी क्षेत्र में धर्मशाला निर्माण को एकत्र की गई थी। करीब ढाई महीने होने को हैं, लेकिन इस मामले में भी राजस्व पुलिस के हाथ खाली हैं। दोनों ही मामलों में पीड़ितों की ओर से जांच रेगुलर पुलिस को सौंपने की मांग की जा रही है, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं।
संसाधनों का हो रहा टोटा
ऐसा नहीं कि राजस्व पुलिस चोरी की इन घटनाओं का खुलासा नहीं करना चाहती, लेकिन संसाधनों के घोर अभाव से वे लाचार हैं। मंदिरगांव चोरी के मामले की जांच कर रहे राजस्व निरीक्षक चंद्रमोहन जोशी की माने तो उन्होंने मामले में संदिग्धों की कॉल डिटेल खंगाली, लेकिन कुछ हाथ नहीं आया। परसुली में हुई चोरी के मामले में राजस्व पुलिस ने फिंगर प्रिंटस की जांच करवाई, लेकिन उससे भी कुछ हासिल नहीं हुआ।
नहीं होता सत्यापन
शहरी क्षेत्रों में बाहरी व्यक्तियों के सत्यापन रेगुलर पुलिस ही करती है। लेकिन, राजस्व क्षेत्र में बाहरी व्यक्तियों के सत्यापन की कोई व्यवस्था नहीं। नतीजा, मैदानी क्षेत्रों से पर्वतीय क्षेत्रों में पहुंचे कई आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति वारदातों को अंजाम देकर रफूचक्कर हो जाते हैं।
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सच्चाई यही है कि राजस्व पुलिस के पास संसाधनों के साथ ही कर्मियों का भी अभाव है। बावजूद इसके राजस्व पुलिस मामलों के खुलासे में हरसंभव प्रयास करती है।
चंद्रशेखर भट्ट, जिलाधिकारी, गढ़वाल