रपटे बनाए, कलमट नहीं
संवाद सहयोगी, कोटद्वार: कोटद्वार-सनेह मार्ग पर लोग जान हथेली पर रख सफर कर रहे हैं। सनेह मार्ग पर एक दर्जन के करीब रपटे हैं। इनके नीचे कलमठ बनाए जाने थे, लेकिन विभाग ने रपटे बना कर छोड़ दिए। बरसात में रपटे उफान पर रहते हैं। इस कारण लोगों को परेशानियों का समाना करना पड़ रहा है।
सनेह मार्ग पर लोनिवि ने सड़क निर्माण तो किया, लेकिन मार्ग पर बने रपटों के नीचे कलमठ नहीं बनाए। इस कारण यह रपटे लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं। सनेह मार्ग पर एक दर्जन से अधिक स्थानों पर बरसाती नाले आते हैं। बरसात में यह नाले उफान पर रहते हैं। इस कारण लोगों को इनको पार करना मुश्किल हो जाता है।
स्कूली बच्चों के लिए बने खतरा
सहने रोड पर बने एक दर्जन से अधिक रपटे स्कूली बच्चों के लिए खतरा बन गए हैं। इस मार्ग पर विभिन्न विद्यालय स्थापित हैं। जिनमें प्रति दिन सैकड़ों बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। बरसात में नालों के उफान पर रहने से रपटों पर पैदल चलना तो दूर वाहन सवार भी इन रपटों को पार करने में कतराते हैं। बावजूद इसके इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
लंबे समय से उठ रही मांग
सनेह रोड से लगे गांव के ग्रामीणों ने सड़क निर्माण व पुनर्निमाण के दौरान जन प्रतिनिधियों व विभागीय अधिकारियों से रपटों के स्थान पर पुलिया व कलमठ बनाने की मांग की थी। तब से लेकर ग्रामीण कई बार इस संबंध में क्षेत्रीय विधायक व स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी से वार्ता कर चुके हैं। मुख्यमंत्री से भी मांग कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।
'कोटद्वार-सनेह मार्ग पर रपटों के स्थान पर पुलिया व कलमठ बनाने का प्रस्ताव लंबित चल रहा है।
एलएस रावत, सहायक, अभियंता, लोनिवि, निर्माण खंड दुगड्डा'