सरप्लस नीति पर भड़का शिक्षक संघ
संवाद सहयोगी, कोटद्वार : राजकीय शिक्षक संघ की जिला इकाई ने एलटी में करीब 2600 पद समाप्त करने संबंधी प्रदेश सरकार के फैसले का विरोध किया है। संघ ने शिक्षकों को सरप्लस से निकालने के विभागीय फार्मूले को अव्यवहारिक व शिक्षकों का उत्पीड़न करार दिया है।
राइंका कोटद्वार स्थित संगठन कार्यालय में हुई बैठक में एलटी शिक्षकों के पद समाप्त करने पर रोष जताया गया। जिलाध्यक्ष बलवीर सिंह रावत ने कहा कि एक शिक्षक पर साठ छात्रों का मानक रखा जाना पर्वतीय राज्य के लिए अनुचित है। उन्होंने विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए यह एक शिक्षक पर 30 या 40 छात्रों का मानक रखा जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने चुनाव डयूटी करने वाले शिक्षकों को उपार्जित अवकाश देने संबंधी विभागीय आदेश को शिक्षकों के साथ धोखा करार दिया है। उपार्जित संबंधी अवकाश के लिए बनाए गए नियमों में चुनाव संबंधी ड्यूटी के आधार पर अवकाश देने का प्रावधान है, लेकिन शिक्षकों को 25 मई से मतगणना तक लगातार चुनावी डयूटी नहीं दिखाई गई है। उन्होंने उपार्जित संबंधी आदेश में भ्रांति को दूर कर स्पष्ट आदेश जारी करने की मांग की है।
उधर, हिंदू पंचायती धर्मशाला में हुई राजकीय शिक्षक संघ के सदस्यों की एक अन्य बैठक में भी सरप्लस नीति का विरोध किया गया व शीघ्र ही 22 दिन का उपार्जित अवकाश प्रदान करने की मांग की गई। बैठक में विनय थपलियाल, अजय रावत, सुरेंद्र ममंगाई, राकेश बिष्ट, प्रमोद सिंह आदि मौजूद रहे।