Move to Jagran APP

आवासीय सुविधा को लगा ग्रहण

By Edited By: Published: Sat, 26 Jul 2014 09:05 PM (IST)Updated: Sat, 26 Jul 2014 09:05 PM (IST)
आवासीय सुविधा को लगा ग्रहण

संवाद सहयोगी, पौड़ी : बाल विकास विभाग का कामकाजी महिला छात्रावास खंडहर में तब्दील हो रहा है। लाखों की लागत से बने भवन का जो मकसद था निर्माण के पांच साल बाद भी उसकी शुरुआत नहीं हो पाई।

loksabha election banner

सरकारी विभाग में नौकरी करने वाली महिलाओं को आवासीय व्यवस्था मुहैया कराने की मंशा से मुख्यालय में कामकाजी महिला छात्रावास के नाम से भव्य भवन बनाया गया। महिलाओं को आवास की तलाश में अन्यत्र न भटकना पड़े। इसके लिए उन्हें सरकारी आवास की तरह कम किराये पर बेहतर आवासीय सुविधा देने की कवायद की गई। वर्ष 2011 में बाल विकास विभाग ने 17.48 लाख की लागत से विकासखंड कार्यालय जाने वाली रोड पर भवन का निर्माण कराया। भवन में अटैच टायलेट बाथरुम से लेकर सभी बेहतर सेटअप तो है, लेकिन न तो पेयजल की व्यवस्था है और ना ही बिजली की। ऐसे में शासन की मंशा पूरी होने की दिशा में एक कदम भी नहीं उठ सका।

इस भवन में किरायेदार तो नहीं आए। हां कभी कभार शहर में होने वाले बड़े आयोजनों में शिरकत करने वाली टीमों को इस भवन में जरूर ठहराया गया, लेकिन अब यह भवन किसी को ठहराने लायक भी नहीं रहा। पूरे परिसर में झाड़ियां उगी हैं। बाउंड्रीवाल व आंगन के पुश्ते भी ढहने को हैं। गेट पर लगे शटर भी जंग खा चुके हैं।

कामकाजी महिला आवास का विवरण

-निर्माण-2011

-लागत-17.48

-सुविधा युक्त आवासीय सेट-12

-डाइनिंग हाल-दो

-काउंसलिंग हॉल-दो

-पेयजल- नहीं

-बिजली- नहीं

कामकाजी महिला छात्रावास में पेयजल व विद्युत जैसी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए शासन से पत्राचार किया गया, लेकिन रिस्पांस न मिलने के कारण भवन में बुनियादी सुविधाएं नहीं दी जा सकी। फिलहाल स्थितियां जस की तस हैं।

डॉ. एसके सिंह, बाल विकास अधिकारी पौड़ी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.