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एनेस्थीसिया देते वक्त मरीज की मौत, चक्काजाम

By Edited By: Published: Sun, 13 Jul 2014 06:25 PM (IST)Updated: Sun, 13 Jul 2014 06:25 PM (IST)
एनेस्थीसिया देते वक्त मरीज की मौत, चक्काजाम

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल:

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बाएं हाथ में फ्रैक्चर वाले एक युवक की ऑपरेशन से पहले ही एनेस्थीसिया देते समय मौत होने से गुस्साए लोगों ने शनिवार शाम बेस अस्पताल के गेट के समक्ष नेशनल हाईवे पर दो घंटे तक जाम लगाया। गुस्साए लोग संबंधित डॉक्टर की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। मृतक के परिजनों ने मामले की तहरीर कोतवाली में दी है।

पैठाणी के सरणा गांव निवासी सुरेश चंद्र भट्ट (21) को बाएं हाथ की हड्डी टूटने पर गत नौ जुलाई को बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आर्थोपैडिक सर्जन डॉ. डीके टम्टा उसका इलाज कर रहे थे। मृतक के भाई रमेश चंद्र भट्ट ने बताया कि गांव में क्रिकेट खेलते समय गिरने से पंडिताई करने वाले सुरेश का बायां हाथ फ्रैक्चर हो गया था। उसे इलाज के लिए बेस अस्पताल में भर्ती कराया था। मृतक के जीजा सतीश तिवाड़ी ने बताया कि शनिवार सुबह लगभग नौ बजे सुरेश को हाथ के ऑपरेशन के लिए ऑपरेशन थिएटर (ओटी) ले जाया गया व उनसे एक यूनिट खून की व्यवस्था करने को कहा गया। कुछ देर बाद उन्हें ओटी में बुलाकर बताया गया कि मरीज अभी बेहोश उसका ऑपरेशन बाद में करेंगे। उसे आइसीयू में शिफ्ट किया जा रहा है। वहां उसे वैंटीलेटर पर रखा गया। परिजनों का आरोप है कि एनेस्थीसिया देने से पहले मृतक की पीएसी जांच नहीं की गई। संबंधित डॉक्टर की लापरवाही से उसकी मौत हुई व दिखाने के लिए उसे वैंटीलेटर में रखा गया। डॉक्टरों ने दोपहर दो बजकर 55 मिनट पर मौत होना बताया। मिली जानकारी के अनुसार मरीज जब ऑपरेशन थिएटर में था तब उसका बीपी 90-154 था। एनेस्थैटिक डॉ. संजुल का कहना है कि जरनल एनेस्थीसिया देते हुए मरीज को कार्डियो पल्मनरी अरेस्ट हो गया। जरनल एनेस्थीसिया देते हुए उसका बीपी पल्स गिरता गया। इसे रोकने के लिए आवश्यक दवाइयां भी दी गई, फिर उसे आइसीयू में शिफ्ट किया गया, लेकिन कोशिशों के बावजूद भी उसे बचाया नहीं जा सका। मृतक के परिजनों ने मामले की तहरीर पुलिस में दी। आरोप लगाया गया है कि डॉक्टर की लापरवाही से युवक की मौत हुई है। गुस्साए लोगों ने सांय लगभग साढ़े पांच बजे बेस अस्पताल के समक्ष नेशनल हाईवे पर जाम लगा दिया व डॉक्टर की गिरफ्तारी की मांग की। कोतवाल उत्तम सिंह ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच कर कार्रवाई की बात कही। तब जाकर जाम खोला गया। वहीं, विभोर बहुगुणा, धनंजय बहुगुणा, संजय कुमार, गंगू रावत आदि ने मौत के लिए डॉक्टर को जिम्मेदार बताया।

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