तंत्र की कछुवा चाल, ग्रामीणों का बुरा हाल
संवाद सहयोगी, पौड़ी: डांडा नागराजा पंपिंग योजना की धीमी गति से उपभोक्ताओं के हलक दिनों दिन सूख रहे हैं। एक वर्ष पूर्व शुरू हुए कार्य की कछुवा चाल से दर्जनों गांवों के ग्रामीणों में मायूसी है।
विकास खंड कोट के अंतर्गत आने वाले डांडा नागराजा क्षेत्र के दर्जनों गांवों में पानी का संकट अक्सर बना रहता है। इसी परेशानी को देखते हुए ग्रामीणों की वर्षों पुरानी मांग पर पिछले वर्ष सरकार की मुहर लगी। अलकनंदा नदी पर उमरासू के निकट से बनने वाली इस योजना के लिए करीब 22.26 करोड़ की राशि स्वीकृत हुई, लेकिन कार्य की धीमी चाल ने उपभोक्ताओं की चिंता बढ़ा दी है। क्षेत्र के वीरेंद्र सिंह, मदन सिंह नयाल आदि ने बताया कि अभी योजना के स्रोत पर ही कार्य पूरा नहीं हो पाया है।
डांडा नागराजा पंपिंग योजना से इन गांवों को मिलेगा लाभ
-लसेरा, बहेड़ाखाल, डांडा नागराजा, आदवानी, सिल्सू, कोटा मकलोड़ी, नाहसैंण समेत कुल 96 गांव
'डांडा नागराजा पंपिंग योजना से क्षेत्र के 96 गांवों में पेयजल आपूर्ति की जानी है। जल संकट के कारण पूरा क्षेत्र पलायन की मार झेल रहा है। एक वर्ष पूर्व स्वीकृत हुई योजना पर कार्य अभी कहीं नहीं दिख रहा है। इस संदर्भ में पेयजल मंत्री को भी पत्र भेजा गया है।'
वीरेंद्र नयाल, कांग्रेस जिलामहामंत्री
'दैवीय आपदा व भूमि हस्तांतरण की औपचारिकताओं से कार्य में देरी हुई है। योजना पर इंटेकवैल का कार्य अंतिम चरण में है। वहीं टैंक निर्माण व पाइप लाइन डालने को निविदा के बाद भी ठेकेदार नहीं आ रहे हैं। एक वर्ष में करीब बीस फीसद कार्य हुआ है। करीब तीन वर्ष में योजना धरातल पर उतर पाएगी।'
नवल कुमार, अधिशासी अभियंता जल निगम पौड़ी।