बिना एक्सरे मशीन के शोपीस बना मॉनीटर
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: आधुनिक तकनीक से दंत रोगियों के इलाज को लेकर बेस अस्पताल के दंत चिकित्सा विभाग में मई 2012 में मॉनीटर तो उपलब्ध करा दिया गया लेकिन दो सालों से दंत विभाग को रेडियो वीडियोग्राफी (आरवीजी) सपोर्टेड एक्सरे मशीन का इंतजार है। बिना एक्सरे मशीन के मॉनिटर केवल शोपीस बनकर रह गया है।
दांतों में रूटकैनाल और दांत निकालने के कार्य से पहले इस मशीन से सम्बन्धित रोगी के दांतों का एक से अधिक बार परीक्षण करने के साथ ही मशीन पर लगे मॉनीटर से रोगी को उसके दांत की स्थिति भी दिखायी जा सकती है। अन्य एक्सरे मशीनों से अपेक्षाकृत छोटी आरवीजी एक्सरे मशीन में रेडिएशन भी ना के बराबर ही होता है। इस मशीन से एक्सरे फिल्म भी निकालने की जरूरत नहीं होती है। मॉनिटर में सीधे दांत की स्थिति देखी जा सकती है और रोगी का एक्सरे रिकॉर्ड कम्प्यूटर में सुरक्षित भी रहता है।
दंत रोगियों के भारी दबाव और गढ़वाल के दंत रोगियों को न्यूनतम खर्चे पर दंत रोग चिकित्सा की सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर बेस अस्पताल के दंत विभागाध्यक्ष डा. केएस नेगी और उनके सहयोगियों ने दंत रोगियों को रूटकैनाल इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने की पहल की है, लेकिन इस इलाज के लिए जरूरी आरवीजी एक्सरे मशीन उपलब्ध नहीं होने से सम्बन्धित दंत रोगी का इलाज करने में दंत चिकित्सकों को परेशानी होती है। बेस अस्पताल के दंत विभाग में औसतन प्रतिदिन 40 दंत रोगी इलाज के लिए पहुंचते हैं जिसमें औसतन 18 रोगियों के दांतों के इलाज के लिए सम्बन्धित एक्सरे की जरूरत होती है।
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'नए वित्तीय वर्ष के प्रारम्भ में इस एक्सरे मशीन को क्रय करने की प्रक्रिया शासन की अनुमति से प्राथमिकता के साथ की जाएगी।'
प्रोफेसर डॉ. पीडी शर्मा, प्राचार्य मेडिकल कालेज श्रीनगर