तंत्र की भेंट चढ़ी कंप्यूटर शिक्षा
संवाद सहयोगी, कोटद्वार: सरकारी विद्यालयों में बच्चों को कंप्यूटर में पारंगत करने की योजना पर सरकारी नुमाइंदे किस तरह पानी फेर रहे हैं, ग्राम सभा काशीरामपुर स्थित राजकीय कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय में पड़े कंप्यूटरों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है। दरअसल, ढाई वर्ष पूर्व तहसील प्रशासन आर्थिक जनगणना का हवाला देकर कंप्यूटरों को ले गया था। अब कंप्यूटर वापस लौटाए गए हैं, लेकिन कंप्यूटर इस हालत में नहीं हैं कि उन्हें संचालित किया जा सके।
सर्वशिक्षा अभियान के तहत दुगड्डा विकासखंड के विभिन्न विद्यालयों को वर्ष 2010 में कंप्यूटर आवंटित किए गए। इस क्रम में काशीरामपुर तल्ला स्थित राजकीय कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय व नगर क्षेत्र में स्थित बालक जूनियर हाईस्कूल को दो कंप्यूटर दिए गए। विद्यार्थी कंप्यूटर का ककहरा सीखते, इससे पहले जिला प्रशासन के आग्रह पर शिक्षा महकमे ने सामाजिक, आर्थिक व जातिगत जनगणना 2011 के लिए यह कंप्यूटर तहसील प्रशासन के हवाले कर दिए। हैरानी यह है कि जनगणना का कार्य पूर्ण होने के बाद भी तहसील प्रशासन ने कंप्यूटर विद्यालयों को लौटाना मुनासिब नहीं समझा। उधर, खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय ने भी इन कंप्यूटरों को लेने की जहमत नहीं उठाई।
जारी रहेगा कंप्यूटर शिक्षा पर ब्रेक
करीब ढाई वर्ष बाद तहसील प्रशासन ने विद्यालयों को कंप्यूटर भले ही वापस दे दिए, लेकिन कंप्यूटरों की बदहाली के चलते कंप्यूटर शिक्षा शुरू होने की स्थिति में नहीं है। दरअसल, लौटाए गए सभी कंप्यूटर बदहाल हैं व इन्हें ठीक कराने के लिए संबंधित विद्यालयों को बजट के लिए विभाग का मुंह ताकना पड़ेगा। जाहिर है कि बजट आने विद्यालयों की कंप्यूटर शिक्षा पर ब्रेक जारी रहेगा।
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इतने लंबे समय तक कंप्यूटर देने का सवाल ही नहीं होता। संबंधित बीईओ से इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। साथ ही खराब पड़े कंप्यूटरों को शीघ्र ठीक किया जाएगा।
यशवंत चौधरी, जिला शिक्षा अधिकारी , गढ़वाल
मामला संज्ञान में नहीं है। विद्यालय से यदि कंप्यूटर लिए गए थे तो कार्य संपन्न होने के तत्काल बाद लौटा देने चाहिए थे। कंप्यूटर चालू हालत में नहीं हैं तो उन्हें ठीक करवाया जाएगा।
पूरण सिंह राणा, उपजिलाधिकारी, कोटद्वार