सरकार के खिलाफ एडीएम कोर्ट का फैसला बदला
जागरण संवाददाता, नैनीताल : मंडलायुक्त डी सैंथिल पांडियन की कोर्ट ने रुद्रपुर-किच्छा में सीलिंग की सौ
जागरण संवाददाता, नैनीताल : मंडलायुक्त डी सैंथिल पांडियन की कोर्ट ने रुद्रपुर-किच्छा में सीलिंग की सौ हेक्टेयर अर्थात ढाई सौ एकड़ जमीन सरकार के खाते में समाहित करने के आदेश पारित किए हैं। एडीएम ऊधमसिंह नगर की कोर्ट ने अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण करते हुए फैसला दिया था तो राज्य सरकार को कमिश्नर की कोर्ट में अपील दायर करनी पड़ी। कमिश्नर ने चेतावनी दी है कि यदि भविष्य में किसी अफसर ने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने की नीयत से आदेश पारित किया तो उस अधिकारी को न्यायिक कार्यो से वंचित कर दिया जाएगा।
मंडलायुक्त की कोर्ट ने बुधवार को सरकार बनाम हरप्रीत सिंह, सरकार बनाम प्रीतजीत कौर, सरकार बनाम जगशरण सिंह व सरकार बनाम सरदार बहादुर सिंह के मामले में सुनवाई पूरी करते हुए अहम फैसला दिया। कमिश्नर ने एक पखवाड़े के भीतर जमीन को राज्य सरकार के खाते में सम्मिलित करने का आदेश अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को 15 दिन के भीतर आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा है। इस भूमि को रुद्रपुर किच्छा में प्रस्तावित विकास कार्यो के लिए उपयोग में लाया जा सकता है।
प्राग फार्म मामले में भी दिया था फैसला
नैनीताल : डी सैंथिल पांडियन ने 2008 में बतौर डीएम ऊधमसिंह नगर प्राग फार्म की 1700 एकड़ जमीन को राज्य सरकार के पक्ष में शामिल कर दिया था। इस फैसले के खिलाफ अपील की मगर हाई कोर्ट ने डीएम का आदेश बरकरार रखा।
सीलिंग एक्ट के तहत दिया आदेश
नैनीताल : कमिश्नर कोर्ट ने सीलिंग एक्ट-1960 व संशोधन 1973 के तहत यह आदेश पारित किया है। इस एक्ट के अंतर्गत एक व्यक्ति के पास 12.5 एकड़ से अधिक जमीन नहीं होनी चाहिए, मगर एडीएम ऊधमसिंह नगर ने इस एक्ट को नजरअंदाज कर दिया। अब कमिश्नर के आदेश के बाद यह जमीन सरप्लस घोषित हो गई।