Move to Jagran APP

गरीबी में गीला में नगर निगम का आटा

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : चुनाव के दौरान लंबी सुस्ती के बाद नगर निगम प्रशासन के सामने अब करोड़ों क

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Feb 2017 09:05 PM (IST)Updated: Wed, 22 Feb 2017 09:05 PM (IST)
गरीबी में गीला में नगर निगम का आटा
गरीबी में गीला में नगर निगम का आटा

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : चुनाव के दौरान लंबी सुस्ती के बाद नगर निगम प्रशासन के सामने अब करोड़ों की वसूली की चुनौती तो खड़ी ही है। साथ ही गृहकर का नया सिस्टम स्वकर प्रणाली के जरिये हजारों घरों का सर्वे, दुकानों का किराया सहित तमाम कार्य खत्म होते वित्तीय साल में पूरा करना है। इधर, वसूली का काम गति न पकड़ पाने से पहले से ही कंगाली के दौर में गुजर रहा निगम का आर्थिक ढांचा भी धड़ाम हो रहा है।

loksabha election banner

विधानसभा चुनाव में नगर आयुक्त केके मिश्रा के आरओ बनने और मेयर जोगेंद्र सिंह के चुनाव लड़ने के साथ ही तमाम कर्मचारियों की चुनाव ड्यूटी लगी थी। इसकी वजह से नगर निगम के कामकाज का ढर्रा लंबे वक्त से बेपटरी है। चुनाव के दौरान निगम के अपने कामों की सुस्ती का आलम यह है कि नगर निगम प्रशासन अब तक 26 फीसद वसूली ही कर सका है। यानी इस साल निगम को 385 लाख की वसूली करनी थी, जबकि अब तक केवल 102.41 लाख की वसूली ही हो सकी है। निगम की सबसे बड़ी वसूली का स्रोत हाउस टैक्स के लिए ही केवल 30 फीसद धनराशि वसूल की जा सकी है। दुकान किराया वसूली तो केवल 17 प्रतिशत ही हो सकी है। यही हाल निगम की अन्य वसूली मदों का है।

केवल 6000 मकानों का ही सर्वे

शहर में करीब 25000 घरों से नए सिरे से हाउस टैक्स वसूली तो दूर की बात है कि अभी हजारों मकानों का सर्वे का काम ही पूरा नहीं हो सका है। अब तक केवल 6000 सर्वे फार्म ही नगर निगम प्रशासन को वापस मिले है, जबकि निगम कर्मियों को डोर-टू-डोर सर्वे कर यह फार्म भरकर जमा कराने थे। सर्वे न होने से हाउस टैक्स की वसूली भी प्रभावित हो रही है।

सुस्ती तोड़ने की नहीं हो रही कवायद

-वित्तीय साल खत्म होने को हैं और अब तक निगम 26 फीसद ही वसूली कर सका है। खास बात यह है कि करोड़ों की बकाया होने के बावजूद निगम प्रशासन की सेहत पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है। यही वजह है कि उच्चाधिकारी इस हालत पर शिकंजा भी नहीं कस रहे।

अब तक इतनी हुई वसूली

मद मांग वसूली

भवन कर 135.55 40.26

स्वच्छता कर 141.19 41.55

दुकान किराया 109.61 18.84

प्रेक्षागृह कर 2.70 1.76

नोट : धनराशि रुपये प्रति लाख में

-------------------

यह सही है नगर निगम की वसूली काफी पिछड़ी है। जल्द ही कर्मचारियों की मीटिंग बुलाई सख्ती के साथ इसकी समीक्षा की जाएगी, ताकि वसूली सहित अन्य कार्यो में तेजी लाई जा सके।

-केके मिश्रा, नगर आयुक्त


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.