गरीबी में गीला में नगर निगम का आटा
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : चुनाव के दौरान लंबी सुस्ती के बाद नगर निगम प्रशासन के सामने अब करोड़ों क
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : चुनाव के दौरान लंबी सुस्ती के बाद नगर निगम प्रशासन के सामने अब करोड़ों की वसूली की चुनौती तो खड़ी ही है। साथ ही गृहकर का नया सिस्टम स्वकर प्रणाली के जरिये हजारों घरों का सर्वे, दुकानों का किराया सहित तमाम कार्य खत्म होते वित्तीय साल में पूरा करना है। इधर, वसूली का काम गति न पकड़ पाने से पहले से ही कंगाली के दौर में गुजर रहा निगम का आर्थिक ढांचा भी धड़ाम हो रहा है।
विधानसभा चुनाव में नगर आयुक्त केके मिश्रा के आरओ बनने और मेयर जोगेंद्र सिंह के चुनाव लड़ने के साथ ही तमाम कर्मचारियों की चुनाव ड्यूटी लगी थी। इसकी वजह से नगर निगम के कामकाज का ढर्रा लंबे वक्त से बेपटरी है। चुनाव के दौरान निगम के अपने कामों की सुस्ती का आलम यह है कि नगर निगम प्रशासन अब तक 26 फीसद वसूली ही कर सका है। यानी इस साल निगम को 385 लाख की वसूली करनी थी, जबकि अब तक केवल 102.41 लाख की वसूली ही हो सकी है। निगम की सबसे बड़ी वसूली का स्रोत हाउस टैक्स के लिए ही केवल 30 फीसद धनराशि वसूल की जा सकी है। दुकान किराया वसूली तो केवल 17 प्रतिशत ही हो सकी है। यही हाल निगम की अन्य वसूली मदों का है।
केवल 6000 मकानों का ही सर्वे
शहर में करीब 25000 घरों से नए सिरे से हाउस टैक्स वसूली तो दूर की बात है कि अभी हजारों मकानों का सर्वे का काम ही पूरा नहीं हो सका है। अब तक केवल 6000 सर्वे फार्म ही नगर निगम प्रशासन को वापस मिले है, जबकि निगम कर्मियों को डोर-टू-डोर सर्वे कर यह फार्म भरकर जमा कराने थे। सर्वे न होने से हाउस टैक्स की वसूली भी प्रभावित हो रही है।
सुस्ती तोड़ने की नहीं हो रही कवायद
-वित्तीय साल खत्म होने को हैं और अब तक निगम 26 फीसद ही वसूली कर सका है। खास बात यह है कि करोड़ों की बकाया होने के बावजूद निगम प्रशासन की सेहत पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है। यही वजह है कि उच्चाधिकारी इस हालत पर शिकंजा भी नहीं कस रहे।
अब तक इतनी हुई वसूली
मद मांग वसूली
भवन कर 135.55 40.26
स्वच्छता कर 141.19 41.55
दुकान किराया 109.61 18.84
प्रेक्षागृह कर 2.70 1.76
नोट : धनराशि रुपये प्रति लाख में
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यह सही है नगर निगम की वसूली काफी पिछड़ी है। जल्द ही कर्मचारियों की मीटिंग बुलाई सख्ती के साथ इसकी समीक्षा की जाएगी, ताकि वसूली सहित अन्य कार्यो में तेजी लाई जा सके।
-केके मिश्रा, नगर आयुक्त