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Uttarakhand Lockdown Day 5 : लाॅकडाउन में 80 फीसद तक बढ़ गई नार्मल डिलीवरी

कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए लाॅकडाउन क्या हुआ डिलीवरी के लिए होने वाले ऑपरेशन की संख्या तेजी से कम होने लगी है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 29 Mar 2020 08:36 AM (IST)Updated: Sun, 29 Mar 2020 08:36 AM (IST)
Uttarakhand Lockdown Day 5 :  लाॅकडाउन में 80 फीसद तक बढ़ गई नार्मल डिलीवरी
Uttarakhand Lockdown Day 5 : लाॅकडाउन में 80 फीसद तक बढ़ गई नार्मल डिलीवरी

हल्द्वानी, गणेश जोशी : कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए लाॅकडाउन क्या हुआ, डिलीवरी के लिए होने वाले ऑपरेशन की संख्या तेजी से कम होने लगी है। पांच दिन के लाॅकडाउन में ही असर दिखने लगा। कुमाऊं में ही जहां प्रमुख अस्पतालों में 57 डिलीवरी नार्मल हुआ करती थी, यह संख्या आज 100 को भी पार कर कई है। वहीं सिजेरियन भी पिछले पांच दिनों में 77 से घटकर 25 रह गई है। अधिकांश अस्पतालों के डाॅक्टर भी नार्मल प्रक्रिया को ही अपनाने पर जोर देने लगे हैं। निजी अस्पतालों में जाने वाली महिलाओं को इसका आर्थिक लाभ भी होने लगा है।

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सरकारी में निष्षुल्क, निजी अस्पतालों में 20 से 70 हजार खर्चा

सरकारी अस्पताल में किसी भी तरह की डिलीवरी के लिए के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है, वहीं निजी अस्पतालों में सिजेरियन कराने के लिए 20 हजार रुपये से 70 हजार रुपये तक खर्च करना पड़ता है। वहीं नार्मल डिलीवरी का चार्ज 10 हजार से 25 हजार रुपये तक है।

बागेश्वर में ऑपरेशन की सुविधा ही नहीं

बागेश्वर में सरकारी अस्पतालों में सिजेरियन की सुविधा तक नहीं है। गंभीर मरीज को रेफर कर दिया जाता है। निजी चिकित्सालय भी नहीं हैं। वहंीं चम्पावत के सीएमओ डाॅ. आरपी खंडूड़ी बताते हैं, जिले में एक भी गाइनोकाॅलोजिस्ट ही नहीं है। इसलिए सिजेरियन नहीं होते हैं। वहीं, कुछ निजी अस्पतालों में सिजेरियन की सुविधा है, लेकिन लाॅकडाउन की वजह से भी वहां पर भी केस कम हो गए।

डाॅक्टर ही कहने लगे नार्मल करो

बागेश्वर निवासी बीना जोशी हल्द्वानी में अपने रिश्तेदार के वहां ठहरी है। जब वह एक निजी अस्पताल में डिलीवरी को गई तो पहले उसे आॅपरेशन बताया गया था। बाद में वह लाॅकडाउन के दिन पहुंची तो नार्मल कराने की प्रक्रिया हुई और बच्चा हो गया। बीना के पति का कहना है कि डाॅक्टर ही बाद में नार्मल कराने की बात कहने लगे

जिला        नार्मल (पहले) नार्मल (अब) सिजेरियन (पहले) सिजेरियन (अब)

हल्द्वानी     15                   35               43                      15

रुद्रपुर       12                  13               10                       6

काशीपुर      5                   7                 3                        0

बाजपुर        2                  3                 2                        0

खटीमा         3                  5                 2                        0

अल्मोड़ा      3                  8                  7                        2

बागेश्वर        7                   7                रेफर                  रेफर

पिथौरागढ़    6                 12                9                         2

चम्पावत      4                  4                 1                          0

कुल            57              104              77                       25

नोट- यह आंकड़े कुमाउं के प्रमुख शहरों के बड़े अस्पतालों से लिए गए हैं। यह संख्या अस्पतालों में प्रतिदिन होने वाली डिलीवरी पर आधारित है।

चिकित्सकों ने कहा, अस्पतालों पर बोझ कम होगा

डाॅ. भागीरथी गब्र्याल , स्त्री एवं प्रसूति रोग विषेशज्ञ, पिथौरागढ़ ने बताया कि लाॅकडाउन के बाद सिजेरियन कम हो रहे हैं। सामान्य डिलीवरी की संख्या बढ़ गई है। वाहनों के कम चलने की वजह से लोग देर से भी पहुंच रहे हैं। डाॅ. भागीरथी जोशी, सीएमएस, महिला अस्पताल, हल्द्वानी ने कहा कि हमारे अस्पताल में जहां प्रतिदिनि सात-आठ सिजेरियन हो रहे थे, लेकिन लाॅकडाउन की वजह से दो-तीन सिजेरियन हो रहे हैं। नौ से अधिक नार्मल डिलीवरी हो रही हैं। डाॅ. दीपक गब्र्याल, सीएमएस महिला चिकित्सालय अल्मोड़ा का कहना है कि हमारा पूरा फोकस नार्मल डिलीवरी पर है। सामान्य प्रसव हमारी प्राथमिकता में भी है। बहुत जरूरी होने पर ही कुछ मामलों में ही सिजेरियन किए जा रहे हैं। वैसे इस समय नार्मल डिलीवरी के मामले बढ़ गए हैं।

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