'जहर' में भी मिलावट
हल्द्वानी : कीटनाशक (पेस्टीसाइड) यानी जहरीला पदार्थ। सामान्य रूप से भी इसका फसलों में अधिक प्रयोग हानिकारक हो जाता है। फसलों को लहलहाने के लिए प्रयोग किए जाने वाले पेस्टीसाइड में भी मिलावट की जा रही है। इसका खुलासा तब हुआ जब कृषि विभाग ने इसके सैंपल लिए। इनमें से चार सैंपल फेल हो गए। अब अधिकारी कड़ी कार्रवाई की बात कह रहे हैं।
उन्नत फसल हो और उसे कीटों से बचाया सके, इसके लिए किसान शहर में दुकानों से पेस्टीसाइड खरीदते हैं। यह पेस्टीसाइड कितना सही होगा, इसकी कोई गारंटी नहीं। कई बार यह दवा फसल को फायदा पहुंचाने के बजाय उल्टे नुकसान कर देती है। ऐसे कीटनाशक यदि अधोमानक होंगे तो इसका फसल पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। साथ ही स्वास्थ्य के लिए भी यह खतरनाक हो सकता है। इसे रोकने के लिए विभागीय अधिकारी समय-समय पर सैंपल लेते हैं। कुछेक लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी होती है। उसके बाद भी यह महज औपचारिकता भर लगती है।
ये नमूने हुए फेल
हल्द्वानी व कालाढूंगी में दुकानों से लिए गए क्लोरोपाइरीफॉस 50ईसी, इंडोक्साकार्ब 15.8ईसी, क्लोरोपाइरीफॉस 50, नोमिनी गोल्ड के नमूने फेल हो गए। इनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी चल रही है।
फरीदाबाद लैब में भेजे सैंपल
खरीफ की फसल के लिए भी नमूने भेजे गए हैं। अभी तक 20 पेस्टीसाइड के नमूने लिए जा चुके हैं। इनमें 11 नमूनों को फरीदाबाद और नौ को रुद्रपुर लैब में भेजा गया है। जांच के बाद रिपोर्ट एक महीने में आती है।
पिछले वर्ष भी चौंकाने वाली थी रिपोर्ट
2012-13 के लिए रवि व खरीफ की फसल को लेकर विभागीय सैंपलिंग हुई। इसके तहत फर्टिलाइजर के लिए 110 नमूने लिए गए। इनमें 52 की रिपोर्ट आई और चार सैंपल अधोमानक पाए गए। पेस्टीसाइड के 70 नमूने लिए जाने का लक्ष्य था। इसके तहत 57 नमूने लिए गए। इनमें 33 मानक और चार नमूने फेल हो गए। बीज के 60 नमूने लेने का लक्ष्य था। इनमें 36 नमूनों की रिपोर्ट में सभी मानक के अनुसार पाए गए।
समय-समय पर सैंपल लिए जाते हैं। चार सैंपल फेल हुए हैं। इनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी चल रही है। अभी और सैंपल हैं, जिनकी रिपोर्ट आनी बाकी है। अधोमानक पेस्टीसाइड बेचने वालों के खिलाफ नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
- पीसी कांडपाल, कृषि रक्षा अधिकारी