इंदिरा हृदयेश ने सरकार को घोरा, बोलीं - गंभीरता से काम करते तो मासूम की जान नहीं होती
क्वारंटाइन सेंटर की बदहाली को नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने इसे सिस्टम की लापरवाही करार दिया है।
हल्द्वानी, जेएनएन : क्वारंटाइन सेंटर की बदहाली को नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने इसे सिस्टम की लापरवाही करार दिया है। इंदिरा ने कहा कि नैनीताल जिला प्रशासन ने प्रोजेक्टर के माध्यम से जो व्यवस्थाओं की तस्वीर सीएम को दिखाई, वह गुमराह करने वाली थी। सत्ता पक्ष के लोग तक मुख्यमंत्री को जमीनी हकीकत नहीं बता पा रहे। मोदी चालीसा के जरिये चापलूसी की हद पहले ही पार हो चुकी है। क्वारंटाइन सेंटर का पूरा बोझ संसाधन विहीन प्रधानों पर डाल दिया गया है।
गंभीरता से काम करते तो मासूम की मौत नहीं होती
नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने कहा कि जिम्मेदार अगर गंभीरता से काम करते तो छह साल की मासूम की मौत नहीं होती। मुआवजा तो दूर सरकार ने खेद तक नहीं जताया। भीषण गर्मी में क्वारंटाइन सेंटरों पर लोग बिजली-पानी की कमी से जूझ रहे हैं। सरकार अगर जमीनी निरीक्षण का आदेश करती तब जाकर कमियां पता चलती। इंदिरा ने कहा कि प्रवासियों को राशन किट के साथ दस हजार रुपये की सहायता भी तत्काल मिलनी चाहिए। प्रवासियों के दोबारा उत्पीडऩ पर कांग्रेस पूरे प्रदेश में अक्रामक आंदोलन करेगी।
अव्यवस्थाएं लील गईं मासूम की जिंदगी
क्वारंटाइन सेंटरों की बदहाली को यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुमित्तर भुल्लर के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने बुद्ध पार्क में धरना दिया। कहा कि अव्यवस्थाओं की वजह से बेतालघाट में मासूम को अपनी जान गंवानी पड़ी। चेताने के बावजूद सरकार क्वारंटाइन सेंटरों को व्यवस्थित नहीं कर सकी। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
संसाधन तक उपलब्ध नहीं करवाए गए
धरने के दौरान प्रदेश अध्यक्ष भुल्लर ने कहा कि गांव लौट रहे लोगों की स्क्रीनिंग व क्वारंटाइन को लेकर ग्राम पंचायतों को संसाधन तक उपलब्ध नहीं करवाए गए। कोरोना काल में कई सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में जरूरी दवा तक नहीं है। जिला संयोजक उमेश बिनवाल ने कहा कि सेंटरों की बदहाली को लेकर लगातार आवाज उठाने के बावजूद सरकार ने कुछ नहीं किया। जिसका खामियाजा प्रवासियों को भुगतना पड़ रहा है। धरने पर हेमंत साहू, संजय शाह, राजा फस्र्वाण, प्रदीप नेगी शामिल रहे।