शारदा बैराज से नेपाल के मटेना तक नहर बनाकर अपना वादा पूरा करेगा भारत nainital news
भारत टनकपुर के शारदा बैराज से नेपाल के मटेना तक 1200 मीटर लंबी नहर बनाकर लगभग 29 वर्ष पूर्व नेपाल से किया गया अपना वायदा पूरा करेगा।
चम्पावत, जेएनएन : भारत टनकपुर के शारदा बैराज से नेपाल के मटेना तक 1200 मीटर लंबी नहर बनाकर लगभग 29 वर्ष पूर्व नेपाल से किया गया अपना वायदा पूरा करेगा। नहर से नेपाल के लिए एक हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा। इससे जहां दोनों देशों के बीच सदियों से चले आ रहे रोटी-बेटी के संबंध और अधिक मजबूत होंगे, वहीं शारदा नदी के पाानी के बंटवारे को लेकर दोनों देशों के बीच लंबे समय से चल रहा विवाद भी समाप्त हो जाएगा।
लगभग एक करोड़ की लागत से बनने वाली नहर का निर्माण कार्य दिसंबर माह से शुरू हो जाएगा। भारत और नेपाल सरकारों के बीच इस नहर को लेकर वर्ष 1991 में संधि हुई थी। जिसके तहत भारत को चम्पावत जनपद के टनकपुर की शारदा नदी (शारदा बैराज) से नेपाल के मटेना तक 1200 मीटर लंबी और चार मीटर ऊंची नहर बनाकर एक हजार क्यूसेक पानी की आपूर्ति करनी थी। लेकिन बाद में दोनों देशों की केंद्रीय सरकारों के बदलने के बाद इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हो पाई। करीब तीन वर्ष पूर्व भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली के बीच नई दिल्ली में हुई बैठक में संधि को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया। इसके बाद भारत सरकार ने सक्रियता दिखाते हुए नहर निर्माण की कवायद तेज कर दी। वर्ष 2017 में केंद्रीय जल संसाधन नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय के तत्कालीन सचिव अमर जीत सिंह ने नहर के लिए प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण किया। नहर निर्माण के रास्ते में बाधक बने जंगलात का पेंच भी वन मंत्रालय भारत सरकार ने हटा दिया। नहर के रास्ते में आ रहे पेड़ों का सर्वे कर उनकी छपाई कर कटान के लिए 1643 पेड़ों को चिह्नित किया गया है।
वन विकास निगम के लौगिंग प्रबंधक टी भट्टाचार्या ने बताया कि इन पेड़ों के कटान का काम 20 अक्टूबर से शुरू होने जा रहा है। काटे गए पेड़ों की क्षतिपूर्ति के लिए नहर के आस पास खाली क्षेत्र में पौधरोपण किया जाएगा। नहर निर्माण की नोडल एजेंसी एनएचपीसी बनबसा को बनाया गया है।
नवंबर में प्रस्तावित है निर्माण कार्य
दयानंद सरस्वती, एसडीएम टनकपुर ने बताया कि शारदा बैराज से नेपाल के मटेना तक बनने वाली नहर का निर्माण पेड़ कटान के बाद शुरू कर दिया जाएगा। प्रशासन ने नोडल एजेंसी एनएचपीसी को इस संबंध में जरूरी दिशा निर्देश दिए हैं। निर्माण कार्य नवंबर माह में करना प्रस्तावित है।