हाई कोर्ट में कपिल सिब्बल ने कहा; भाजपा, केंद्र सरकार और हरक रावत की मिलीभगत था स्टिंग
सीएम हरीश रावत के स्टिंग मामले में हाई कोर्ट में बहस हुई। सीएम की ओर से सुप्रीम कोर्ट के सीनियर अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पैरवी की।
नैनीताल, [जेएनएन]: मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग मामले में हाई कोर्ट में न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की एकलपीठ में बहस हुई। सीएम हरीश रावत की ओर से प्रीम कोर्ट के सीनियर अधिवक्ता व पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल पैरवी की। उनके साथ सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता देवीदत्त कामथ व जावेद भी मौजूद रहे। कोर्ट ने इसके लिए सुनवाई की अगली तिथि 19 नवंबर तय की है।
बहस के दौरान कपिल सिब्बल ने कहा कि स्टिंग भाजपा, केंद्र सरकार और हरक सिंह रावत की मिलीभगत था। उन्होंने स्टिंग करने वाले पत्रकार की मंशा पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि वीडियो आनन फानन सीएफएसएल जांच को भेजा गया। इस मामले में सीबीआइ जांच के लिए कोई कानूनी राय तक नहीं ली गई।
बाद में पत्रकारों से बातचीत में कपिल सिब्बल ने कहा कि रावत सरकार को अपदस्थ करने के लिए स्टिंग किया गया। बेहतर होता कि देहरादून में मामला दर्ज कर जांच उत्तराखंड पुलिस को सौंप दी जाती। इसके विपरीत भाजपा और केंद्र सरकार की साजिश के तहत जांच सीबीआइ को सौंपी गई। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति को आरोपी बनाया जाना चाहिए, उसे नहीं बनाया।
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गौरतलब है कि मार्च में सियासी बवंडर के दौरान पूर्व मंत्री हरक सिह रावत द्वारा मुख्यमंत्री के कथित स्टिंग की सीडी जारी की थी। इसमें कथित तौर पर सीएम बहुमत जुटाने को विधायकों से मोलभाव कर रहे थे। इस मामले की शिकायत के आधार पर सीबीआई जांच शुरू हुई।
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मामले में सीबीआई, केंद्र, राज्य सरकार कोर्ट में जवाब दाखिल कर चुके हैं। वहीं, मुख्यमंत्री ने सीबीआई जांच खारिज करने को याचिका दायर की है।
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