उत्तराखंड में आयोडेक्स, फैवीक्विक और व्हाइटनर की बिक्री पर पाबंदी
हाईकोर्ट ने उत्तराखंड में आयोडेक्स, फैवीक्विक तथा व्हाइटनर की बिक्री प्रतिबंधित कर दी है। किशोरों में बढ़ती नशे की लत के मद्देनजर हाई कोर्ट ने यह निर्णय लिया।
नैनीताल, [जेएनएन]: हाईकोर्ट ने नैनीताल के समीपवर्ती भवाली में किशोर की नशा सूंघने से मौत के मामले का स्वत: संज्ञान लिया है। हाईकोर्ट ने उत्तराखंड में आयोडेक्स, फैवीक्विक तथा व्हाइटनर की बिक्री प्रतिबंधित कर दी है। इसके अलावा 18 साल से कम उम्र के बच्चों को नशीले पदार्थों की बिक्री पर भी तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।
वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा की एकल पीठ के समक्ष बागेश्वर निवासी देवेंद्र सिंह की जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई। देवेंद्र के पास से एक किलो नौ सौ ग्राम चरस बरामद की गई थी।
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कोर्ट ने देवेंद्र की जमानत अर्जी खारिज करते हुए भवाली में दो रोज पहले एक किशोर की नशा सूंघने की वजह से हुई मौत का स्वत: संज्ञान भी ले लिया। कोर्ट ने शिक्षण संस्थानों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि उनके संस्थान में कोई नशे का प्रयोग न कर सके। कोर्ट ने टिप्पणी की कि कई दुकानों में नशीले पदार्थ आसानी से उपलब्ध हो रहे हैं, जो बच्चों को नशे का आदी बना रहे हैं।
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नशाखोरी की वजह से बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों भी कोर्ट ने राज्य में चरस के उत्पादन व विपणन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाते हुए राज्य के जिलाधिकारियों व पुलिस अधिकारियों को कड़े दिशा-निर्देश जारी किए थे।
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कोर्ट ने मुख्य सचिव समेत जिलों के पुलिस कप्तान को इस आदेश का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा हुक्का बार में 18 साल से कम आयु के किशोर व बच्चों के आने को रोकने को कहा है।
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