सब्सिडी के नाम पर किसानों के साथ धोखा
हल्द्वानी : खेती को बढ़ावा मिले और किसान अच्छा उत्पादन करें, इसके लिए सरकार की ओर से तमाम योजनाएं समेत किसानों को सब्सिडी देने का प्रावधान है। कृषि विभाग की ओर से ही बीज, सूक्ष्म पोषक तत्व, कीटनाशक दवाइयां व कृषि यंत्रों पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है, लेकिन जमीनी हकीकत देखें तो यह लाभ आधे किसानों तक नहीं पहुंच रहा है। विडंबना यह कि कई बार तो सब्सिडी के लिए पैसा तब आता है, जब बीज या दवा के उपयोग का समय पूरा हो चुका होता है। ऐसे में कृषि विभाग की कार्यप्रणाली पर ही सवालिया निशान लग गया है।
इस सयम धान व दलहन व तिलहन की फसल बोई गई है। इसके लिए कृषि विभाग की ओर जैविक खाद का वितरण किया जा रहा है। नैनीताल जिले में ही 44 न्याय पंचायतें हैं। एक लाख 13 हजार से अधिक किसान हैं। इसके बावजूद जिलेभर में सब्सिडी के लिए केवल सात लाख रुपये मिले हैं। ब्लॉक स्तर के विभागीय अधिकारी दबी जुबान स्वीकार करते हैं कि सात लाख रुपये एक ही ब्लॉक को मिलना चाहिए था, ताकि सभी किसानों को इसका पूरा लाभ मिल सकता। इतने रुपये तो ऊंट के मुंह में जीरे के समान हैं। जिले में कृषि विभाग की घोर लापरवाही का दूसरा नमूना यह है कि सोयाबीन के लिए घास की दवा चाहिए थी। यह दवा एक भी किसान को समय पर नहीं मिली। किसानों को बाजार से महंगी दवा खरीदने को विवश होना पड़ा।
सरकारी व्यवस्था से आहत किसान
दवा से वंचित रहे गौलापार के किसान राजेंद्र सिंह चुफाल, प्रकाश पांडे व्यवस्था से आहत दिखे। उन्होंने सभी किसानों को समय पर सब्सिडी का लाभ दिए जाने की मांग दोहराई। किसानों के हितों के लिए लड़ने वाले गौलापार निवासी रविशंकर जोशी ने कहा कि कृषि विभाग के अधिकारी केवल नौकरी पूरी कर रहे हैं। किसानों व खेती-बाड़ी के प्रति किसी का ध्यान नहीं है। सब्सिडी उसे मिल रही है, जो उसका उपयोग नहीं दुरुपयोग करता है। किसान चंदन सिंह लटवाल, खजान सिंह, बलदेव सिंह भी कई बार चक्कर काटते रहे, लेकिन सब्सिडी का लाभ नहीं मिला।
प्रभारी जितनी सब्सिडी की डिमांड करते हैं, उसी आधार पर बजट आता है। अगर कम हो जाता है तो दूसरे मद से भी सब्सिडी देते हैं। संख्या बढ़ने पर कई बार किसानों को लाभ नहीं मिल पाता है।
- एके वर्मा, मुख्य कृषि अधिकारी
सरकार की योजना का लाभ आम किसानों तक पहुंचना चाहिए। अगर समय पर सब्सिडी मिलेगी तो निश्चित तौर पर उन्हें लाभ मिलेगा।
- बीडी शर्मा, जिलाध्यक्ष, अधीनस्थ कृषि सेवा संघ