खनन==क्रशरों की गड़गड़ाहट आज से बंद
जागरण संवाददाता, लालकुआं : क्रशर स्वामियों ने शनिवार से रेता, बजरी की बिक्री बंद करने का निर्णय लिया
जागरण संवाददाता, लालकुआं : क्रशर स्वामियों ने शनिवार से रेता, बजरी की बिक्री बंद करने का निर्णय लिया है जिससे क्रशर व गौला पर आधारित वाहनों के पहिये जाम हो जाएंगे। इसके बाद यूपी व अन्य प्रदेशों के दूरदराज क्षेत्रों से माल लेने आए वाहन स्वामी परेशानी में पड़ गए हैं।
रेता, बजरी की उत्तर भारत में लालकुआं प्रमुख मंडी है। यहां यूपी समेत अन्य प्रदेशों के हजारो दस टायरा व छोटे वाहन रोजाना माल लेने आते हैं। ऐसे में क्रशर स्वामियों के शनिवार से बिक्री बंद कर देने से वाहन स्वामियों के माथे पर बल पड़ गया है। सैकड़ों किमी दूर से आए वाहन स्वामियों का कहना है कि खाली वाहन वापस ले जाने में काफी खर्चा आएगा, अब वह यहां से क्या लेकर जाएं जो घर पहुंच सकें। गौला से जुड़े वाहन स्वामियों ने टैक्स, मजदूरों की व्यवस्था समेत सभी औपचारिकता पूरी कर ली हैं। अगर शीघ्र व्यवस्था नहीं सुधरी तो वाहन स्वामियों के सामने आर्थिक संकट पैदा हो जाएगा। वहीं दो जून की रोटी कमाने आए सैकड़ों मजदूर भी पलायन कर सकते हैं। कुमाऊं स्टोन क्रशर एसोसिएशन के अध्यक्ष जगदीश पिमौली का कहना है कि सरकार जब तक मामले का हल नहीं निकालती तब तक खरीदारी व बिक्री पूरी तरह बंद रहेगी। मोटाहल्दू के वाहन स्वामी हेम दुर्गापाल, आशीष कबडवाल, कमल बिष्ट, देवेंद्र बिष्ट, गणेश गर्बियाल का कहना है कि वाहन स्वामियों ने गाडि़यों का टैक्स भरने के अलावा विहार व अन्य प्रदेशों से मजदूरों को बुला लिया है। क्रशर स्वामी माल नहीं खरीदेंगे तो उनके सामने आर्थिक संकट छा जाएगा। उन्होंने सरकार से जल्द मामले का हल न निकालने पर आंदोलन की चेतावनी दी।
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बेरीपड़ाव गेट से निकले मात्र 42 वाहन
बेरीपड़ाव गेट से मात्र 42 वाहन ही उप खनिज भरकर लाए। क्रशर में हड़ताल की वजह से वाहन चालकों ने क्षेत्र के ग्रामीणों को उपखनिज की आपूर्ति की। शुक्रवार को गौला नदी के लालकुआं प्रभाग में खनन के लिए मात्र बेरीपड़ाव गेट ही खुल पाया।