रक्षा बजट जीडीपी का पांच प्रतिशत करने का सुझाव
नैनीताल : चीन व पाकिस्तान से संभावित खतरे को देखते हुए रक्षा बजट को सकल घरेलू उत्पाद का कम से कम पांच प्रतिशत किया जाना चाहिए। देश के 12 हिमालयी राज्यों के सीमावर्ती इलाकों के समग्र विकास के लिए मुख्यमंत्रियों की एपेक्स बॉडी बनाई जाए, जो प्रधानमंत्री के अधीन रहे। सीमावर्ती इलाकों की सामरिक चिंता को समझते हुए केंद्र को सीमा सड़क संगठन, लोक निर्माण विभाग का नियंत्रण पीएमओ के अधीन करना चाहिए।
कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय की ओर से एटीआइ में आयोजित सेना व सिविल अफसरों की कांफ्रेंस के दूसरे दिन मंगलवार को सीमावर्ती इलाकों में ढांचागत सुविधाओं के विकास का खाका खींचा गया। सेना की उत्तरी व पश्चिमी कमांड की ओर से प्रजेंटेशन दिया गया। कारगिल संघर्ष में डिप्टी ऑपरेशनल जनरल रहे ले. जनरल एमसी भंडारी ने कहा कि रक्षा बजट फिलहाल जीडीपी का 1.9 प्रतिशत या 2014-15 में दो लाख 24 हजार करोड़ है, जबकि चीन का रक्षा बजट भारत से चार गुना है। पाकिस्तान जीडीपी का नौ प्रतिशत रक्षा पर खर्च करता है। उन्होंने बताया कि पिछले तीन साल में चीन सीमा पर ढाई हजार बार घुसपैठ कर चुका है। कार्यशाला में सेवानिवृत्त बिग्रेडियर पुष्कर चंद, कर्नल एचसी साह, ऊधमसिंह नगर के डीएम डा. पंकज पांडे, चम्पावत के डीएम दीपेंद्र चौधरी, एसपी केएस नागन्याल, मेजर वीके झा, विंग कमांडर सचिन गुप्ता, कैप्टन रविकांत, डीडीओ पिथौरागढ़ गोपाल गिरी गोस्वामी, डा. ओमप्रकाश, डा. मंजू पांडे आदि मौजूद रहे।