20 का नोट फेंक कहा, पर्ची का पैसा रिफंड
नैनीताल : बीडी पांडे अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई हैं। एक बीमार छात्रा को इलाज के लिए पर्ची के इंतजार में भटकना पड़ा। परिजनों ने आरोप लगाया कि पीएमएस को बच्ची के उल्टी होने व तत्काल इलाज के बारे में बताया गया। लेकिन उन्होंने उपचार करने के बजाय जेब से 20 रुपये का नोट निकालकर उनकी ओर फेंका। कहा, पर्ची के पैसे रिफंड कर दिए। यह भी आरोप लगाया कि पीएमएस ने स्टाफ को पर्चा न बनाने के आदेश भी दे डाले। बाद में छात्रा का प्राइवेट अस्पताल में उपचार कराया गया।
घटना माल्डन कॉटेज मल्लीताल निवासी विशाल चौधरी के साथ हुई। विशाल के अनुसार उनकी बेटी श्रेया मोहन लाल साह बाल विद्या मंदिर में कक्षा तीन में पढ़ती है। हार्ट में तकलीफ के कारण श्रेया का दो बार एम्स मे उपचार हो चुका है। शुक्रवार को स्कूल में श्रेया का एकाएक स्वास्थ्य बिगड़ गया। जानकारी पर पिता विशाल चौधरी सवा एक बजे तत्काल बीडी पांडे अस्पताल लेकर पहुंचे। जब विशाल बाल रोग विशेषज्ञ के कक्ष में गए तो वह नहीं मिले। पर्ची काउंटर पर स्टाफ ने महिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ को दिखाने की सलाह दी। जब वह महिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ के पास गए तो उन्होंने दूसरी पर्ची बनाने को कहा। इसके बाद वह पीएमएस के पास पहुंचे और बच्ची को उलटी होने तथा तत्काल उपचार की जरूरत बताते हुए उपचार का आग्रह किया। उन्होंने उपचार करने के बजाय जेब से 20 रुपये का नोट निकालकर उनकी ओर फेंका और कह दिया पर्ची के पैसे रिफंड कर दिए। यह भी आरोप लगाया कि पीएमएस ने स्टाफ को पर्चा ना बनाने के आदेश भी दे डाले।
आरोप पूरी तरह निराधार हैं, पुरुष अस्पताल की पर्ची महिला अस्पताल में मान्य नहीं होती है। इसलिए मरीज के पिता को महिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डा. संजीव खर्कवाल द्वारा पर्ची बनाने को कहा गया था। पुरुष अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ किसी काम से बाहर गए थे। बच्ची के पिता के कहने पर पर्ची के पैसे वापस किए गए।
- डा. जीबी बिष्ट, प्रमुख चिकित्साधीक्षक, बीडी पांडे अस्पताल