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Cabinet meeting in Almora पहली बार अल्‍मोड़ा में हुई कैबिनेट मीटिंग, इन प्रस्‍तावों को मंजूरी

सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा में राज्य बनने के बाद दूसरी बार कैबिनेट बैठक हुई। इसमें लंबे समय से प्रतीक्षारत जल नीति-2019 को मंजूरी दे दी गई।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 23 Oct 2019 02:27 PM (IST)Updated: Wed, 23 Oct 2019 09:11 PM (IST)
Cabinet meeting in Almora पहली बार अल्‍मोड़ा में हुई कैबिनेट मीटिंग, इन प्रस्‍तावों को मंजूरी
Cabinet meeting in Almora पहली बार अल्‍मोड़ा में हुई कैबिनेट मीटिंग, इन प्रस्‍तावों को मंजूरी

अल्मोड़ा, जेएनएन :  सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा में राज्य बनने के बाद दूसरी बार कैबिनेट बैठक हुई। इसमें लंबे समय से प्रतीक्षारत जल नीति-2019 को मंजूरी दे दी गई। इसमें राज्य में जल संरक्षण व जल दोहन को लेकर कड़े प्रावधान किए जाएंगे। जीबी पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण शोध एवं सतत विकास संस्थान कोसी कटारमल में बुधवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रीमंडल की बैठक में 15 प्रस्तावों पर मुहर लगी।

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 बैठक के बाद सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने पत्रकार वार्ता में बताया कि उत्तराखंड जल नीति लागू करने वाले देश के चुनिंदा राज्यों में शामिल हो गया है। इस नीति का लक्ष्य राज्य के सभी जल संसाधनों को संरक्षित करना, पर्यावरण को संतुलित करना, प्रभावी क्रियान्वयन के लिए ढांचा तैयार करना है। राज्य में सिचाई, उद्योग, पशुपालन आदि के लिए केवल तीन फीसद जल की आवश्यकता है। अगर हम पूरे उपलब्ध जल का तीन फीसद रोकने में सफल रहे तो विकास की ओर आगे बढ़ेंगे। जल आवंटन की प्राथामिकता, भूजल के उपयोग, सिचाई, ईको टूरिज्म, जल विद्युत विकास से लेकर किस तरह वाटर चार्ज लेंगे, इस पर मंत्रिमंडल में विस्तार से चर्चा की गई है। इस नीति को बनाने से पहले हमने 14 विभागों व संस्थानों से विचार-विमर्ष किया गया था। इसे मंजूरी मिलना बड़ी उपलब्धि है।

कौशिक ने बताया कि कुमाऊं विश्वविद्यालय के सोबन सिंह जीना परिसर अल्मोड़ा में अब आवासीय विश्वविद्यालय अल्मोड़ा संचालित होगा। यहां पर नया विश्वविद्यालय को विस्तार मिलने से अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ व चम्पावत के महाविद्यालय संबद्ध हो जाएंगे। इसके लिए विधानसभा में जल्द ही एक्ट के जरिये मंजूरी दी जाएगी। देहरादून सिटी मिशन को पीपीपी मोड में दिया गया है। इसकी सफलता के बाद इस प्रोजेक्ट को अन्य शहरों में भी लागू किया जाएगा। इसमें परिवहन मंत्री यशपाल आर्य, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ. धन सिंह रावत, राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार रेखा आर्य मौजूद रही।

कैबिनेट में इन प्रस्तावों को भी मिली मंजूरी

1. अल्मोड़ा में सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय को आवासीय विश्वविद्यालय बनाने को मंजूरी ।

2. उत्तराखण्ड की जल नीति 2019 को मंजूरी ।

3. प्रदेश सरकार द्वारा जनकल्याणकारी योजनाओं को पीपीपी मोड नीति-2012 में संशोधन।

 4. राज्य की आइटीआइ में फीस वृद्धि को मंजूरी। प्रतिवर्ष 3900 रूपये शुल्क देना होगा। इस फीस का कुछ हिस्सा शासन को भेजा जाएगा।

5. प्रदेश में जंगली जानवरों व आपदा से फसल, जान-माल की हानि का मुआवजा अब वन विभाग के बजाय आपदा के फंड से मिलेगा ।

6. टिहरी झील के पास आइटीबीपी के एडवेंचर सेंटर को मंजूरी। सेंटर के लिए भूमि की व्यवस्था होने तक पर्यटन विभाग के भवनों का उपयोग किया जाएगा।

7. डॉ. आरएस टोलिया उत्तराखंड प्रशासन अकादमी नैनीताल की सेवा नियमावली को मंजूरी ।

8. प्रदेश सरकार के सभी मंत्री अपने आयकर का भुगतान स्वयं वहन करेंगे। अभी तक मंत्रियों के आयकर का भुगतान प्रदेश सरकार द्वारा किया जा रहा था।

9. राजभवन अधिष्ठान में नियमावली संशोधन पर सहमति। अब राज्यपाल सचिवालय और राजभवन की एक ही नियमावली होगी।

10. पंडित दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास (होम-स्टे) नियमावली में संशोधन। अब पुराने घर के नवीनीकरण अथवा उसमें सुविधाएं बढ़ाने के लिए 143 कराने की जरूरत नहीं। बैंक से ऐसे होमस्टे को अब मिल सकेगा ऋण।

11. मोटरयान नियमावली में संशोधन, अब 30 दिन के भीतर संबंधित थाने को रिपोर्ट देनी अनिवार्य होगी।

12. उत्तराखंड डेयरी सहकारी फेडरेशन के तहत उच्च प्राथमिक व प्राथमिक स्कूलों के लगभग 6 लाख बच्चों को सप्ताह में 1 दिन पौष्टिक दूध मिलेगा। इसमें छह करोड़ शासन खर्च करेगा।

13. पशुपालन विभाग के तहत वैक्सीनेटर सेवा नियमावली को मंजूरी।

14. उत्तराखंड राजस्व अभिलेख 2019 का प्रख्यापन किया गया, इसके लिए प्रदेश में 10 सदस्य कमेटी बनेगी और जिलों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी बनाई जाएगी।

15. उत्तराखण्ड राजस्व अभिलेख नियमावली 2019 की स्वीकृति।


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