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निर्माण की धीमी गति पर भड़के एडी

कुमाऊं में एक और मेडिकल कॉलेज बनना है। इसके लिए लंबी जद्दोजहद चल रही है। सात साल से अधिक का समय हो गया। पहाड़ की सांस्कृतिक नगरी में बन रहे इस कॉलेज के खुलने को लेकर जनप्रतिनिधि बार-बार हवाई घोषणाएं कर रहे हैं, लेकिन 300 करोड़ रुपये की लागत से

By sunil negiEdited By: Published: Sun, 02 Aug 2015 12:55 PM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2015 12:56 PM (IST)
निर्माण की धीमी गति पर भड़के एडी

हल्द्वानी। कुमाऊं में एक और मेडिकल कॉलेज बनना है। इसके लिए लंबी जद्दोजहद चल रही है। सात साल से अधिक का समय हो गया। पहाड़ की सांस्कृतिक नगरी में बन रहे इस कॉलेज के खुलने को लेकर जनप्रतिनिधि बार-बार हवाई घोषणाएं कर रहे हैं, लेकिन 300 करोड़ रुपये की लागत से हो रहे निर्माण अभी आधा भी नहीं हो सका। बार-बार दबाव पडऩे पर अब शासन सख्त हो गया। जल्द काम पूरा नहीं करने को लेकर चिकित्सा शिक्षा के अपर निदेशक ने निर्माण एजेंसी को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दे दी है।
दरअसल, सात साल पहले हल्द्वानी के बाद अल्मोड़ा में मेडिकल कॉलेज बनाने की नींव रखी थी। चार साल तक कोई कार्य नहीं हुआ। इसके बाद निर्माण की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश निर्माण निगम को दी गई। इससे उम्मीद जगने लगी कि कॉलेज खुलेगा तो राज्य के छात्र-छात्राओं को डॉक्टर बनने का मौका मिलेगा। साथ ही अस्पताल में अच्छा इलाज मिल जाएगा। कुमाऊं के पर्वतीय क्षेत्रों के लोगों को उपचार के लिए हल्द्वानी व बाहर रेफर नहीं करना पड़ेगा। लोग टकटकी लगाए हुए हैं, लेकिन निर्माण कार्य कछुवा गति से चल रहा है। चिकित्सा शिक्षा के अपर निदेशक डॉ. आशुतोष सयाना शुक्रवार को कार्य की प्रगति देखी तो हैरान रह गए। उन्होंने पूरी रिपोर्ट तैयार की और निर्माण एजेंसी को सख्त चेतावनी दे डाली। उन्होंने दैनिक जागरण को बताया कि निर्माण एजेंसी को बार-बार कहा जा रहा है, इसके बाद भी निर्माण की गति तेज नहीं हो रही। इस चेतावनी के बाद भी निर्माण कार्य जल्दी नहीं हुआ तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जबकि वर्ष 2016-17 में एमबीबीएस का पहला बैच शुरू करने का लक्ष्य रखा है। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद ही मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को निरीक्षण करना है।
पढ़ें-मेडिकल कॉलेज की व्यवस्था में सुधार के निर्देश

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