बेटा बन जमा-पूंजी डकार गया एजेंट
हल्द्वानी : पाई-पाई जोड़कर बुढ़ापे का सहारा तैयार कर रही एक 65 साल की वृद्धा की रकम जालसाज हड़प कर गया
हल्द्वानी : पाई-पाई जोड़कर बुढ़ापे का सहारा तैयार कर रही एक 65 साल की वृद्धा की रकम जालसाज हड़प कर गया। जरूरत पर जब बैंक वालों ने पैसे देने से इन्कार कर दिया तो वृद्धा पुलिस के पास पहुंची। पुलिस जालसाज की तलाश में जुट गई है।
पति धनदत्त पांडे की मौत के बाद गंगा देवी तीनपानी में अकेले रहती है। उसे हर माह वृद्धा पेंशन मिलती है। वह छोटे-मोटे काम कर गुजर-बसर कर लेती है। गंगा की माने तो कुछ समय पहले उसे पीलीकोठी बड़ी मुखानी निवासी धर्मपाल बिष्ट मिला। उसने बेटा बनकर गंगा को झांसे में ले लिया। कहा कि एसबीआइ ने बुजुर्गो के लिए एक स्कीम चलाई है। जिसमें हर माह उसे पांच हजार रुपये मिलेंगे। इस पर वृद्धा ने बैंक ऑफ बड़ौदा की नवीन मंडी ब्रांच से एक लाख 13 हजार व पांच हजार रुपये नगद धर्मपाल के हाथ में रख दिए। धर्मपाल पीएसीएल इंडिया लि. का एजेंट है। सो, उसने गंगा के रुपये पीएसीएल में जमा कर दिए और खुद वारिस बन गया। जब गंगा बैंक से पांच हजार रुपये लेने पहुंची तो बैंककर्मियों ने उसे टरका दिया और कहाकि पैसे सात साल के लिए जमा हैं। इस अवधि के पूरा होने के बाद ही पैसे मिलेंगे। खुद को ठगा महसूस कर वृद्धा समाजसेवी गुरुविंदर चढ्डा के साथ सिटी मजिस्ट्रेट आरडी पालीवाल के पास पहुंची। जिसके बाद वह शिकायत लेकर कोतवाली पहुंची और पुलिस को तहरीर दी। पुलिस ने वृद्धा को उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया।
इस उम्र को सलाम
जवान सड़क पर भीख मांग रहे हैं और एक गंगा है जो 65 साल की उम्र में भी केवल वृद्धा पेंशन के भरोसे नहीं है। वह वृद्धा पेंशन को बैंक में जमा करती है और रोजमर्रा के खर्च चलाने के लिए घर-घर जाकर साबुन और वाशिंग पाउडर बेचती है। गंगा का कहना है कि इसके जरिए वह रोजाना 100 रुपये कमा लेती है और इससे उसका खर्च चल जाता है।