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युवाओं की प्रेरणा, शहर की शान बनेगा एयर फोर्स का एयरक्राफ्ट

भारतीय वायु सेना ज्वॉइन करने वाले युवाओं को उड़ान भरने का हौसला देने वाला ट्रेनर एयरक्राफ्ट हल्द्वानी की शान बनेगा।

By Edited By: Published: Fri, 23 Feb 2018 03:00 AM (IST)Updated: Wed, 07 Mar 2018 10:26 AM (IST)
युवाओं की प्रेरणा, शहर की शान बनेगा एयर फोर्स का एयरक्राफ्ट
युवाओं की प्रेरणा, शहर की शान बनेगा एयर फोर्स का एयरक्राफ्ट

गणेश पांडे, हल्द्वानी: भारतीय वायु सेना ज्वॉइन करने वाले युवाओं को उड़ान भरने का हौसला देने वाला ट्रेनर एयरक्राफ्ट हल्द्वानी की शान बनेगा। एचपीटी-32 नामक एयरक्राफ्ट को नैनीताल रोड स्थित पार्क में स्थापित किया जाएगा। हल्द्वानी नगर निगम ने एयरक्राफ्ट स्थापित करने की तैयारी पूरी कर ली है।

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इंडियन एयर फोर्स एसोसिएशन की मदद से आ रहे ट्रेनर एयरक्राफ्ट को वायु सेना की हैदराबाद स्थित जिंगल अकादमी से लाया जाएगा। मेयर डॉ. जोगेंद्र सिंह रौतेला पिछले तीन साल से इसके लिए प्रयासरत रहे। एयरक्राफ्ट के एक माह के भीतर स्थापित होने की उम्मीद है।

21 फिट के दो ट्राला से आएगा हैदराबाद से

एयरक्राफ्ट को लाने के लिए ट्रांसपोर्टर से बात अंतिम चरण में हैं। मेयर डॉ. रौतेला ने बताया कि एयरक्राफ्ट को 21 फिट लंबे दो ट्राले से लाया जाएगा। एयरक्राफ्ट मुफ्त मिल रहा है। निगम को एयरक्राफ्ट लाने और उसे स्थापित करने का खर्च उठाना होगा। इंस्टालेशन के लिए हैदराबाद से वायु सेना के इंजीनियर आएंगे। :::::::: युवाओं को करेगा प्रेरित मेयर डॉ. रौतेला ने बताया कि कुमाऊं का भारतीय सेना से गहरा जुड़ाव रहा है। तीनों सेनाओं में कुमाऊं के युवा जाते हैं।

ऐसे में हल्द्वानी में स्थापित होने एयरक्राफ्ट युवाओं को भारतीय वायु सेना का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित करेगा। साथ ही इससे नैनीताल रोड और शहर के पार्को की भव्यता बढ़ेगी।

सबमरीन होगी अगला कदम

नैनीताल रोड स्थित पार्क में भारतीय थल सेना का अभिन्न अंग रहा विजयंत टैंक पहले ही स्थापित किया जा चुका है। 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में विजयंत टैंक ने दुश्मन के छक्के छुड़ा दिए थे। मेयर रौतेला ने बताया कि भविष्य में भारतीय नव सेना का हिस्सा रहे सबमरीन (पनडुब्बी) स्थापित करने की योजना है।

एचपीटी-32 के बारे में जाने ये बातें

हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड निर्मित एचपीटी-32 दीपक भारतीय वायुसेना का ट्रेनर विमान रहा। 16 टन वजनी इस विमान ने 6 जनवरी 1977 में पहली उड़ान भरी। वायु सेना के ट्रेनी पाइलट प्लेन उड़ाने का शुरुआती प्रशिक्षण इसी में लेते थे। 16 मई 2010 को भारतीय वायुसेना ने पैराशूट रिकवरी प्रणाली की स्थापना को मंजूरी दी। तब से इसकी जगह पिलैटस पीसी -7 एमके द्वितीय बेसिक ट्रेनर एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल किया जा रहा है।

हल्द्वानी नगर निगम मेयर डॉ. जोगेंद्र सिंह रौतेला के अनुसार एयरक्राफ्ट लाने की औपचारिक प्रक्रिया पूरी हो गई है। मार्च मध्य तक इसे स्थापित करने की तैयारी है। शनिवार को होने वाली बोर्ड बैठक में पार्क तय कर लिया जाएगा। 


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