राशन की दुकानों में बनेंगे कॉमन सर्विस सेंटर
र्वजनिक वितरण प्रणाली से जुड़ी सस्ते गल्ले की दुकानें अब कॉमन सर्विस सेंटर के रूप में विकसित होंगी।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: सार्वजनिक वितरण प्रणाली से जुड़ी सस्ते गल्ले की दुकानें अब कॉमन सर्विस सेंटर के रूप में विकसित होंगी। राशन कार्डों को आधार और उपभोक्ताओं के बैंक खातों से लिंक किए जाने के बाद गल्ला विक्रेता कॉमन सर्विस सेंटर भी संचालित कर सकेंगे। इससे बड़ा फायदा उन लोगों को होगा, जो संबंधित दुकान से जुड़े हैं। उन्हें छोटे-छोटे कार्य के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा।
राशन वितरण में खामियों को दूर करने के लिए आधार कार्ड को राशनकार्डों से जोड़ा गया। जिससे गल्ला विक्रेताओं के यहां राशन कार्डों की संख्या घट गई। इसका सीधा असर विक्रेताओं के कमीशन पर पड़ा। इसके बाद राज्य खाद्य योजना के राशन के बदले में उपभोक्ताओं को नकद सब्सिडी दिए जाने के लिए राशन कार्डों को बैंक खातों से जोड़ा गया।
कुमाऊं के छह जिलों में अब तक नब्बे प्रतिशत राशन कार्डों को आधार और बैंक खातों से लिंक किया जा चुका है। गल्ला विक्रेताओं के कमीशन में आई कमी को पूरा करने के लिए अब उन्हें कॉमन सर्विस सेंटर के जरिये आय को जरिया दिया जा रहा है। जिससे गल्ला विक्रेता अपना रोजगार चला सकें।
जिले में सस्ते गल्ले की 600 दुकानें
नैनीताल जिले में शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र में सस्ते गल्ले की तकरीबन 600 दुकानें हैं। इनके माध्यम से दो लाख उपभोक्ताओं तक सस्ता राशन पहुंचाया जाता है। इनमें से ज्यादातर दुकानें सहकारी समितियों द्वारा संचालित की जा रही हैं। जबकि निजी तौर पर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग से लाइसेंस प्राप्त दुकानदार भी सस्ते राशन की दुकानें संचालित कर रहे हैं। दुकानों में डिजिटल राशन वितरण प्रणाली लागू होने के बाद गल्ला विक्रेता केंद्र की भांति कमीशन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
ऑनलाइन सुविधाओं का मिलेगा लाभ
नेशनल ई-गवर्नेस प्लान के तहत सभी सरकारी सेवाओं को आम लोगों तक सस्ती दर पर पहुंचाने के लिए डिपार्टमेंट ऑफ इनफॉर्मेशन एवं टेक्नोलॉजी की ओर से देशभर में कॉमन सर्विस सेंटर खोजे जाने हैं। सीएससी में सरकारी, प्राइवेट और सोशल सेक्टर जैसे टेलीकॉम, एग्रीकल्चर, हेल्थ, एजुकेशन, एंटरटेनमेंट, बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विस सभी तरह के प्रमाणपत्र, आवेदन पत्र और यूटिलिटी बिल की पेमेंट की जा सकती है। भविष्य में इन कॉमन सर्विस सेंटर में 300 से अधिक सर्विस दिए जाने की योजना है।
सरकारी दफ्तरों के चक्कर से मिलेगा छुटकारा
सस्ते गल्ले की दुकानों को कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) बनाने के लिए राशन विक्रेताओं को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। दुकानों पर सीएससी बनने से लोगों को बिजली, पानी के बिल सहित अन्य ऑनलाइन किए जाने वाले कामों के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। प्रदेश सरकार की ओर से सीएससी सेंटर के लिए प्रिंटर, कंप्यूटर व बायोमैट्रिक मशीन की व्यवस्था की जाएगी। सेंटर को संचालित करने के लिए गल्ला विक्रेता अपने खर्च पर कर्मचारी की नियुक्ति भी कर सकते हैं।
सुविधाओं का लाभ मिलेगा
डीएसओ, नैनीताल तेजबल सिंह के अनुसार राशन की दुकानों को कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) बनाए जाने की कवायद चल रही है। इससे आम उपभोक्ताओं को दुकानों पर ऑनलाइन प्राप्त की जा सकने वाली सुविधाओं का लाभ मिलेगा। मसलन सीएससी में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, बिजली-पानी के बिल जैसी सुविधाएं मिलेंगी। इसमें राशन विक्रेताओं से भी सहमति ली जाएगी।