Move to Jagran APP

खुली जेल में बने समधी, साथ मिली आजादी

सितारगंज की संपूर्णानंद शिविर (खुली जेल) में समधी के रिश्ते में बंधे दो कैदियों के लिए शनिवार का दिन कुछ खास था। रिहाई का आदेश मिलने पर दोनों को साथ आजाद कर दिया गया।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sun, 20 Aug 2017 11:54 AM (IST)Updated: Sun, 20 Aug 2017 08:42 PM (IST)
खुली जेल में बने समधी, साथ मिली आजादी
खुली जेल में बने समधी, साथ मिली आजादी

हल्‍द्वानी, [संदीप मेवाड़ी]: साढ़े तीन साल पहले सितारगंज की संपूर्णानंद शिविर (खुली जेल) में समधी के रिश्ते में बंधे दो कैदियों के लिए शनिवार का दिन कुछ खास था। शासन से रिहाई का आदेश मिलने पर दोनों को साथ आजाद कर दिया गया। इस खास पल में उन्हें लेने के लिए परिवार के लोग भी पहुंचे हुए थे। वहीं शासन के निर्देश पर खुली जेल के बंद आजीवन कारावास के सात कैदियों व सेंट्रल जेल के एक कैदी को रिहा कर दिया गया है।

loksabha election banner

पिथौरागढ़ के डिगारा, वडारी निवासी किशन राम को पत्नी की हत्या के जुर्म में अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इससे उसके तीनों बच्चे बेसहारा हो गए। किशन की इकलौती बेटी संजना की परवरिश शिशु सदन अल्मोड़ा में हुई। संजना ने वहीं से इंटर तक की पढ़ाई की। वर्ष 2014 में संजना के बालिग होते ही उसे शिशु सदन छोड़कर जाना था। इस पर संजना के रहने का संकट पैदा हो गया। वहीं सितारगंज की खुली जेल में बंद किशन भी बेटी के भविष्य को लेकर चिंतित थे। उस समय खुली जेल में ही साथी पुलिसकर्मी की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा भोग रहे पूर्व पुलिसकर्मी ईश्वरी राम निवासी कल्याणपुर सितारगंज भी बंद था। 

ईश्वरी राम का बेटा विनोद सिडकुल की एक कंपनी में नौकरी करता था। खुली जेल के तत्कालीन जेल अधीक्षक मनोज आर्य ने कैदी किशन राम की बेटी संजना की शादी का प्रस्ताव ईश्वरी राम के बेटे विनोद से कराने का प्रस्ताव रखा। दोनों के शादी के लिए राजी होने पर खुली जेल में ही सात फरवरी 2014 को विवाह समारोह हुआ था। इस शादी में घराती-बाराती जेल के कैदी और स्टाफ था।

वहीं अच्छे आचरण को देखते हुए जेल प्रशासन दोनों की रिहाई के लिए लंबे समय से प्रयासरत था। शुक्रवार को साथ ही दोनों समधी की रिहाई का आदेश शासन से जेल प्रशासन को मिला। वर्तमान जेल अधीक्षक टीडी जोशी ने बताया कि दोनों समधी समेत शासन के आदेश पर आठ आजीवन कारावास के कैदियों को रिहा किया गया है। 

 राज्य के 19 कैदियों को किया गया रिहा 

नैनीताल जिले के वरिष्ठ जेल अधीक्षक मनोज आर्य ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शासन ने राज्य के कुल सजायाफ्ता 19 कैदियों को रिहा करने के आदेश जारी किए हैं। इसमें आजीवन कारावास के कुल नौ व मियादी कारावास(निश्चित समावधि) के 10 कैदी शामिल हैं। कुछ को उनकी उम्र और कुछ को उनके अच्छे आचरण की वजह से रिहा किया गया है। आजीवन कारावास की सजा भोग रहे सात कैदी संपूर्णानंद शिविर सितारगंज, एक जिला कारागार हरिद्वार व एक बरेली कारागार में बंद था। 

 56 कैदियों की सजा की अवधि में छूट

नैनीताल जिले के वरिष्ठ जेल अधीक्षक मनोज आर्य ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस पर शासन विभिन्न जेलों में बंद 56 अन्य कैदियों पर भी मेहरबान हुआ है। शासन ने राज्य में सजायाफ्ता इन कैदियों की कारावास अवधि में परिहार (छूट) देने के आदेश दिए हैं।

 यह भी पढ़ें: यहां जिंदगी खत्म होने के बाद भी रहती है जिंदा...

यह भी पढ़ें: मैं खानदानी चोर हूं कोतवाल साहब, मुझे माफ कर दो...


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.