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सावधान! जेनरिक दवा के दाम पर धोखा

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: गरीब की सेहत का ध्यान रखकर मोदी सरकार ने जेनरिक दवाइयों की बिक्री का चलन

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Jul 2017 01:00 AM (IST)Updated: Thu, 27 Jul 2017 01:00 AM (IST)
सावधान! जेनरिक दवा के दाम पर धोखा
सावधान! जेनरिक दवा के दाम पर धोखा

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: गरीब की सेहत का ध्यान रखकर मोदी सरकार ने जेनरिक दवाइयों की बिक्री का चलन अनिवार्य किया था, लेकिन दवा में दाम कमाने के लालची व्यावसायियों ने उसका भी तोड़ निकाल डाला है। हल्द्वानी बाजार में जेनरिक दवाओं के नाम पर खुलकर धोखा हो रहा है। रोगी को मिल रही दवा और उसे बनाने वाली कंपनी दोनों ही जेनरिक हैं, लेकिन एमआरपी ब्रांडेड कंपनियों वाली है। यानी सस्ती दवा देने का लाभ भी इस नए फंडे से छीना जा रहा है, जो सीधे तौर पर मोदी की मंशा को पलीता लगाने जैसा है।

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दवा में रुपये कमाने का कारोबार कितना जबरदस्त है, यह किसी से छिपा नहीं है। हो भी क्यों न, दवा का असली दाम कम होता है और बाजार में जब वह रोगी के हाथ में पहुंचती है तो इतनी महंगी हो चुकी होती है कि रोगी खुद का ही इलाज कराने में कई बार सोचने के लिए विवश होता है। महंगे इलाज की वजह से मरने वालों की संख्या चार गुना बढ़ने की विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट को आधार बनाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जेनरिक दवाओं के चलन को अनिवार्य किया था। साथ ही नियमों को भी इतना कठिन कर दिया गया कि चिकित्सक इसमें लापरवाही न बरत सकें। कम रेट पर जेनरिक दवाइयां रोगी को मिल सकें, इसके लिए हर अस्पताल और बाजार में जन औषधि केंद्रों की स्थापना भी की जा रही है। जन औषधि केंद्रों पर अन्य सामान्य मेडिकल स्टोरों की तुलना में काफी कम रेटों में दवा उपलब्ध होती है। इस व्यवस्था से अन्य मेडिकल स्टोर वालों का कारोबार कुछ हद तक प्रभावित होने लगा। इसलिए दवा के अन्य कारोबारियों ने इसका तोड़ भी निकाल लिया। जो कंपनियां ब्रांडेड और जेनरिक दोनों दवाएं बना रही हैं, उन कंपनियों से ब्रांडेड दवाएं बेचने वाले जेनरिक दवा खरीद रहे हैं, लेकिन फर्क यह है कि उन जेनरिक दवाओं पर एमआरपी ब्रांडेड कंपनी यानी दाम महंगे चस्पा करा रखे हैं। ऐसे में रोगी को दवा जेनरिक कहकर ही दी जा रही है और पूछताछ में कंपनी भी जेनरिक बताकर संतुष्ट किया जा रहा है, लेकिन उक्त दवा पर एमआरपी ब्रांडेड कंपनियों की है। यानी कमाई का जरिया कमजोर न पड़े इसका पूरा तोड़ बाजार में हावी हो चुका है।

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दवा नाम, कंपनी के रिटेल रेट, ब्रांडेड दाम, जनऔषधि केंद्र दाम

ऐलबेंडा जोल (कीड़े की दवा), 2.50 रुपये प्रति टेबलेट, 10 रुपये, 2.50 रुपये,

सेट्राजीन (एलर्जी के लिए), 2.00 रुपये, प्रति स्ट्रिप 20 रुपये, 3.00 रुपये,

ओफ्लाक्सासीन 200एमजी (एंटीबायोटिक), 16 रुपये, 55 रुपये, 21 रुपये,

ओ मीप्राजोल (गैस समस्या के लिए), 7 रुपये, 35 रुपये, 6.70 रुपये,

ओआरएस (दस्त आदि होने पर घोल), 5 रुपये, 16.20 रुपये, 6.0 रुपये,

एमलोआस एमलोडपिन (ब्लड प्रेशर कंट्रोल), 7 रुपये, 65 रुपये, 4.0 रुपये,

ओड स्टोन (उल्टी के लिए) 6 रुपये, 40 रुपये, 2.84 रुपये,

पैरासीटा मोल (बुखार के लिए) 3 रुपये, 10 रुपये, 4.50 रुपये,

ड्रोटावेरिन टेबलेट (पेट दर्द निरोधक) 8 रुपये, 50 रुपये, 6.79 रुपये

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दवा और दाम जेनरिक ही हैं, जानने को यह बरतें सावधानियां

- पहले तो जेनरिक दवाएं जन ऑषधि केंद्रों से ही खरीदें।

- अन्य दवा की दुकानों से खरीद रहे हैं तो चिकित्सक द्वारा लिखे गए नाम का मिलान करा लें।

- बाहरी दवा दुकानों ने जेनरिक के नाम से दवा दी है तो दवा और उसके दाम जन औषधि केंद्र से जरूर मिलान करा लें।

- जन औषधि की वेबसाइट पर जाकर दवा की कंपनी और सही दाम का मिलान कर सकते हैं। यह है वेबसाइट (जनऔषधि.गौव.इन)

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