Move to Jagran APP

प्रदेश भर के अस्पतालों में एंटी रैबीज की आपूर्ति ठप

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : प्रदेश के अस्पतालों में एंटी रैबीज वैक्सीन की आपूर्ति कई महीनों से ठप ह

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Jun 2017 01:00 AM (IST)Updated: Sat, 24 Jun 2017 01:00 AM (IST)
प्रदेश भर के अस्पतालों में एंटी रैबीज की आपूर्ति ठप
प्रदेश भर के अस्पतालों में एंटी रैबीज की आपूर्ति ठप

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : प्रदेश के अस्पतालों में एंटी रैबीज वैक्सीन की आपूर्ति कई महीनों से ठप है। इस कारण मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग की दवा नीति ऐसी है कि अस्पताल प्रबंधन भी सीधे दवा खरीदने में डर रहे हैं। जबकि, स्वास्थ्य विभाग निर्धारित कंपनी से 50 हजार वॉयल की प्रतिवर्ष खरीद कर रहा था। इस बड़े संकट के समाधान के लिए महकमा अलर्ट नहीं है।

loksabha election banner

एंटी रैबीज वैक्सीन के लिए स्वास्थ्य विभाग फरवरी, 2017 से डिमांड भेज रहा है। पिछले वर्ष भी हैदराबाद स्थित कंपनी की ओर से निर्धारित डिमांड से आधी भी वैक्सीन नहीं मिल सकी थी। इससे अस्पताल में अक्सर हंगामे की स्थिति पैदा होने लगी थी। स्वास्थ्य विभाग की निदेशक क्रय डॉ. अर्चना श्रीवास्तव ने बताया कि कंपनी की ओर से उपलब्धता नहीं कर पाने की मेल आ गई है। अब नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया होगी। दूसरी कंपनी से वैक्सीन खरीदी जाएगी।

बाजार से खरीदने में डर रहे अस्पताल प्रबंधन

स्वास्थ्य विभाग की नई दवा नीति के तहत अस्पताल प्रबंधन दवाइयां नहीं खरीद सकते। स्वास्थ्य महानिदेशक कार्यालय को ही डिमांड भेजते हैं। संकट पैदा होने पर ही स्वास्थ्य महानिदेशक ने चिकित्सा अधीक्षकों को प्रबंधन समिति की सहमति पर दवा खरीदने के निर्देश दिए हैं। हालांकि नियम से बंधे होने की वजह से कई अस्पताल प्रबंधन खुद दवा खरीदने में डर रहे हैं।

ऐसे में पड़ती है जरूरत

अगर किसी को कुत्ता, बिल्ली, बंदर, गीदड़ ने काट लिया, तो डॉक्टर 72 घंटे में एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाने की सलाह देते हैं। कुत्ते के काटने पर तीन या पांच इंजेक्शन लगते हैं।

कई महीनों से एंटी रैबीज वैक्सीन मंगाने के लिए डिमांड भेजी गई है। संबंधित कंपनी का प्रोडक्शन डिमांड के अनुसार नहीं है। इसलिए हमें भी दवा नहीं मिल पा रही है। हमने अस्पताल प्रबंधन को दवा खरीदने के निर्देश दिए हैं।

डॉ. दलबीर सिंह रावत, स्वास्थ्य महानिदेशक

---

स्वास्थ्य निदेशालय को फरवरी से डिमांड भेजी गई है, लेकिन दवा नहीं आ रही है। जैसे-तैसे दवाइयां का इंतजाम करना पड़ रहा है, लेकिन मरीजों को किसी तरह की दिक्कत नहीं होने दी जा रही हैं।

डॉ. एसबी ओली, प्रभारी प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक, बेस अस्पताल


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.