गौला में उपखनिज का जायजा लेगी टीम
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : गौला नदी में चुगान के लिए उपखनिज मौजूद है या नहीं। इसकी जांच के लिए बुध
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : गौला नदी में चुगान के लिए उपखनिज मौजूद है या नहीं। इसकी जांच के लिए बुधवार को वन निगम, जंगलात और खनन विभाग की टीम नदी का संयुक्त निरीक्षण करेगी। इसी आधार पर ही खनन शुरू करने या न करने की रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
गौरतलब है कि भारतीय मृदा और जल संचयन संस्थान (आइआइएसडब्ल्यूसी) के सर्वे के आधार पर जिला खनन समिति गौला नदी में खनन बंद करने का निर्णय ले चुकी है। 19 मई के बाद से ही गौला में खनन के लिए सभी गेट भी बंद किए जा चुके हैं। जबकि वन निगम के देहरादून के उच्चाधिकारी केंद्र सरकार से तय 54 लाख घनमीटर का चुगान 31 मई तक करने की कवायद कर रहे हैं। ऐसे में खलबली मची हुई है। बताते हैं कि बुधवार को वन निगम के साथ वन और खनन विभाग की टीम गौला में जांच करने आ रही है कि नदी में चुगान के लिए अभी उपखनिज मौजूद है या नहीं। वन निगम के आरएम एमपीएस रावत ने बताया कि टीम गौला निरीक्षण करने के लिए आ रही है। उधर, बंद हो चुकी गौला में फिर से खनन की संभावना के बीच वन निगम के कर्मचारियों का विरोध जारी है। सहायक वन कर्मचारी संघ ने इस मामले को लेकर गौला रेंज में बैठक की गई, जिसमें प्रभागीय मंत्री तराई पूर्वी वन प्रभाग बहादुर सिंह बिष्ट व संयुक्त मंत्री कैलाश चंद्र कपिल ने कहा कि गौला नदी के सभी गेट बंद किए जा चुके हैं। अब इसे दोबारा शुरू करना जायज नहीं है। इससे अवैध खनन की संभावना से भी इन्कार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि खनन दोबारा शुरू होता है तो इसका पुरजोर विरोध होगा। इस मौके पर दीपचंद्र उप्रेती, मनोज तिवारी, ललित पालीवाल, भुवन तिवारी, ललित बिष्ट सहित कई कर्मचारी मौजूद रहे। इधर, गौला खनन मजदूर संघर्ष समिति के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बिष्ट ने वन मंत्री को ज्ञापन भेजकर मांग की है कि गौला को दोबारा न शुरू किया जाए।