मुक्तिधाम में व्यवसायी के बेटे कृष्णा की अंत्येष्टि
संवाद सहयोगी, लालकुआं : मां की कोख उजड़ जाने का गम सिर्फ मां ही समझ सकती है। इकलौते चिराग को हमेशा के
संवाद सहयोगी, लालकुआं : मां की कोख उजड़ जाने का गम सिर्फ मां ही समझ सकती है। इकलौते चिराग को हमेशा के लिए घर से विदा करने वक्त एक मां के दिल पर क्या गुजरती है इसका अंदाजा लगा पाना नामुमकिन है। इस दृष्य को देखकर बडे़ से बड़े जिगर वाले की आंखे भर आती हैं। गुरुवार को ऐसा ही हुआ कलेजे के टुकड़े की अर्थी देख मां रोती-बिलखती बस पीछे दौड़ती रही।
बुधवार सायं लालकुआं में सड़क दुर्घटना में नगर के व्यवसायी प्रदीप गुप्ता के इकलौते पुत्र कृष्णा (14)की मौत हो गई थी। शव गुरुवार की दोपहर उनके वार्ड नंबर दो स्थित आवास पहुंचा। जिसको देखकर कृष्णा की मां प्रीति, पिता प्रदीप, दादा सत्यप्रकाश व दादी भगवती देवी गस खाकर गिर पड़े। हंसमुख व आसपास के लोगों के लाड़ले कृष्णा के शव को देखकर हर किसी की आखें भर आई। मां समेत अन्य परिजनों के करुण क्रंदन को सुनकर कोई अपने आसू नहीं रोक सका। कृष्णा की मां प्रीती बार-बार मेरा रिषु (कृष्णा के घर का नाम) उठ जा कहकर पुकार रही थी। जैसे ही अर्थी उठी तो उसकी मां अर्थी के पीछे भागने लगी। परिवार के अन्य लोगों ने उन्हें संभाला। दोपहर बाद कृष्णा के पार्थिव शरीर की मुक्तिधाम में अंत्येष्टि की गई। इस मौके पर नगर का बाजार पूरी तरह बंद रहा। नगर सैकड़ों व्यापारी शव यात्रा में शामिल हुए।
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तीन दिन बाद था कृष्णा का जन्म दिन
अपने जन्म दिन से महज तीन दिन पूर्व ही कृष्णा काल का ग्रास बन गया। वह आगामी 30 अप्रैल को अपना जन्म दिन धूमधाम से मनाने के लिए परिजनों के साथ तैयारी कर रहा था। हल्द्वानी के क्वींस पब्लिक स्कूल में दसवीं कक्षा में पढ़ने वाले कृष्णा का आगामी 30 अप्रैल को जन्म दिन था। वह 30 अप्रैल को 14 वर्ष पूर्ण करके 15 वर्ष में प्रवेश करने वाला था। इसीलिए उसने अपने माता-पिता से इस बार जन्म दिन धूमधाम से मनाने के लिए राजी कर लिया था। वह बीते 25 अप्रैल से ही तैयारी में लग गया था। बुधवार को स्कूल जाते हुए और लौटते समय कृष्णा ने अपने साथियों को गोरापड़ाव में समोसे भी खिलाए। साथी छात्र-छात्राओं ने बताया कि कृष्णा समय-समय पर टाफी और समोसे खिलाता रहता था। वह बस में सबका प्रिय मित्र था। मौत की खबर सुनकर गुरुवार को लालकुआ क्षेत्र से स्कूल को जाने वाले अधिकाश विद्यार्थी स्कूल नहीं गए।