सूखाताल से नैनी झील को मिलेगा नयाजीवन
जागरण संवाददाता, नैनीताल : देश-विदेश में प्रसिद्ध नैनी झील का कैचमैंट सूखाताल झील के चारों ओर अतिक्र
जागरण संवाददाता, नैनीताल : देश-विदेश में प्रसिद्ध नैनी झील का कैचमैंट सूखाताल झील के चारों ओर अतिक्रमण कर आशियाने खड़े कर दिए गए हैं। हाई कोर्ट के अतिक्रमण हटाने के आदेश के बाद प्रशासन, प्राधिकरण व सिंचाई विभाग द्वारा अतिक्रमण चिह्नित किए गए, लेकिन आज तक उन्हें हटाया नहीं जा सका। अब झील पुनर्जीवित करने की मंजूरी के बाद नैनी झील को नया जीवन मिलने की उम्मीद जगी है।
सूखाताल झील से ही नैनी झील का अस्तित्व टिका है। पर्यावरणविद तथा झील संरक्षण के लिए जुटे प्रो. अजय रावत के अनुसार आइआइटी रुड़की तथा नेशनल हाइड्रोलॉजिकल इंस्टीट्यूटी के वैज्ञानिक सर्वे के अनुसार सूखाताल वैटलेंड है। जो बरसात में भर जाता है। दिसंबर से मार्च तक इस झील से पानी का रिसाव नैनी झील की जरूरत की पूर्ति करता है।
प्रो. रावत के अनुसार सूखाताल झील में बिल्डरों द्वारा निर्माण का मलबा डाल दिया गया। करीब दो ढाई मीटर मलबा फेंका गया है। झील के चारों और लेक बेल्ट में निर्माण तक कर दिए गए। अतिक्रमणकारियों ने नाले पाट दिए। बरसात में पानी को पंप कर दिया जाता है। बरसात में झील भरने पर पानी को सीवर लाइन से जोड़ दिया जाता है, यह सिलसिला बंद होना चाहिए। उन्होंने कहा कि झील के लिए बजट मंजूर होने से पुनर्जीवन की उम्मीद जगी है, मगर झील व डूब क्षेत्र से अतिक्रमणकारियों को हटाना ही पड़ेगा। यहां उल्लेखनीय है कि सांसद भगत सिंह कोश्यारी ने सूखाताल का निरीक्षण कर झील के पुनर्जीवन के लिए प्रयास करने करने की बात कही थी।