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कुमाऊं में सवा तीन अरब से बनेंगी 22 झील

गौरव पांडेय, हल्द्वानी राजनीतिक इच्छाशक्ति बरकरार रही तो पहाड़ का पानी जाया नहीं आएगा। कुमाऊं में स

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Apr 2017 01:01 AM (IST)Updated: Thu, 27 Apr 2017 01:01 AM (IST)
कुमाऊं में सवा तीन अरब से बनेंगी 22 झील
कुमाऊं में सवा तीन अरब से बनेंगी 22 झील

गौरव पांडेय, हल्द्वानी

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राजनीतिक इच्छाशक्ति बरकरार रही तो पहाड़ का पानी जाया नहीं आएगा। कुमाऊं में सवा तीन अरब की लागत से 22 झील बनने जा रही हैं। ये झीलें जल सहेजने के साथ पहाड़ों में पीने के पानी और सिंचाई की जरूरतों को पूरा करेंगी। इसके अलावा अभी तक उपेक्षित रहे पर्वतीय स्थल भी पर्यटन के नक्शे पर जगह बनाएंगे और पर्यटन में रोजगार की संभावनाओं के द्वार भी खुलेंगे। सरकार ने इन योजनाओं को सैद्धांतिक सहमति दे दी है।

राज्य गठन के बाद से ही तात्कालिक और दीर्घकालिक जरूरतों को देखते हुए कुमाऊं के पर्वतीय जिलों में कृत्रिम झीलों के निर्माण की मांग की जाती रही है। पहली सरकार से पूर्ववर्ती सरकार तक झीलों के निर्माण की कवायद चलती रही। पूर्ववर्ती सरकार कई योजनाओं को स्वीकृति दे चुकी थी, लेकिन इच्छाशक्ति के अभाव में एक भी योजना प्रस्ताव से आगे नहीं बढ़ी। अब भारी जनअपेक्षाओं के साथ सत्ता में आई भाजपा सरकार ने कृत्रिम झील विकसित करने का फैसला किया है। इस संबंध में सिंचाई विभाग के प्रस्तावों को सिद्धांत रूप में मंजूरी भी दे दी है। बस फंडिंग का इंतजार है। बजट मिलते ही योजनाओं पर काम शुरू हो जाएगा। अल्मोड़ा जिले में सर्वाधिक 17 झील बनेंगी, जबकि नैनीताल और चम्पावत जिले में दो, पिथौरागढ़ और बागेश्वर में एक-एक झील बनेंगी। बड़ी योजनाओं का डिजाइन आइआइटी रुड़की जबकि छोटी योजनाओं का डिजाइन सिंचाई विभाग तैयार करेगा।

प्रस्तावित झील

=नैनीताल जिले में सूखाताल और बौर झील

=पिथौरागढ़ जिले में थरकोट झील

=बागेश्वर जिले में हरद्वारीछीना झील

=चम्पावत जिले में डिप्टेश्वर और कोलीढेक झील

=अल्मोड़ा जिले में देवडूंगा ताल, तड़ागताल, विनसर महादेव झील, भैंसखुरी झील, विश्वनाथ झील, स्यालदे झील, लखरकोट झील, गगास झील, ताड़ीखेत, द्वाराहाट, भिकियासैंण और कोसी झील समूह

पहले बनेंगी थरकोट, गगास, कोलीढेक झील

पिथौरागढ़ की थरकोट, अल्मोड़ा के बग्वालीपोखर में गगास और लोहाघाट में कोलीढेक झील सरकार की शीर्ष प्राथमिकता में है। सबसे पहले इन्हीं तीन झीलों का विकास किया जाएगा। आइआइटी रुड़की थरकोट और कोलीढेक झील की डीपीआर तैयार कर चुका है। वहीं गगास झील की डीपीआर एक माह में तैयार हो जाएगी। बजट का पेच नहीं फंसा तो इसी वित्तीय वर्ष से योजनाओं पर काम शुरू होने की उम्मीद है।

कोसी व गगास झील से बनेगी बिजली

अल्मोड़ा में कोसी पर झील समूह, गगास झील और बागेश्वर की हरद्वारीछीना झील से बिजली भी पैदा की जाएगी। इससे स्थानीय आबादी की ऊर्जा जरुरतें पूरी होंगी। साथ ही सरकार को आय में भी इजाफा होगा।

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सरकार ने सभी योजनाओं को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। योजनाओं पर अमल के लिए जल्द से जल्द कार्ययोजनाएं मांगी है। नाबार्ड से बजट मिलते ही काम शुरू हो जाएगा।

डीसी सिंह, चीफ इंजीनियर, सिंचाई कुमाऊं


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