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शराबबंदी लागू करने की मांग करती पीआइएल खारिज

जागरण संवाददाता, नैनीताल: शराब की दुकानें बंद करने की मांग को लेकर महिलाओं के प्रदर्शन के बाद जनहित

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Apr 2017 01:01 AM (IST)Updated: Tue, 25 Apr 2017 01:01 AM (IST)
शराबबंदी लागू करने की मांग करती पीआइएल खारिज
शराबबंदी लागू करने की मांग करती पीआइएल खारिज

जागरण संवाददाता, नैनीताल: शराब की दुकानें बंद करने की मांग को लेकर महिलाओं के प्रदर्शन के बाद जनहित याचिका ने सरकरा की मुसीबतें बढ़ा दी थी। हालांकि सोमवार को हाई कोर्ट ने उत्तराखंड में शराबबंदी लागू करने की मांग करती जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। इससे सरकार को बड़ी राहत मिली है।

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राज्य में शराब की दुकानों के खिलाफ जगह-जगह मातृशक्ति सड़क पर है। महिलाओं के रुख को देखते हुए प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष सरिता आर्य ने भी प्रदेश में शराबबंदी लागू करने की मांग की है। इधर, दो माह पहले हाई कोर्ट ने उत्तराखंड के चारधाम वाले तीन जिलों उत्तरकाशी, चमोली व रुद्रप्रयाग में शराबबंदी का आदेश पारित कर दिया। इस आदेश के बाद भतरौंजखान निवासी समाजसेवी प्रमोद नैनवाल ने भी जनहित याचिका दायर कर इस फैसले को पूरे उत्तराखंड में लागू करने का आदेश पारित करने का आग्रह किया था। याचिका में कहा गया था कि शराब की बिक्री की वजह से जनस्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। साथ ही सामाजिक तानाबाना बिगड़ रहा है। सरकार की ओर से मुख्य स्थायी अधिवक्ता परेश त्रिपाठी ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि उत्तराखंड में आबकारी अधिनियम के तहत शासनादेश जारी किए गए हैं। राज्य सरकार द्वारा इस मामले में अपने अधिकारों का प्रयोग किया गया है। वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति वीके बिष्ट व न्यायमूर्ति एसके गुप्ता की कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद याचिका को खारिज कर दिया। यहां उल्लेखनीय है कि हाई कोर्ट के तीन जिलों में शराबबंदी के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने स्टे दिया है।


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