अस्पताल प्रबंधन ने मरीजों को क्यों नहीं दी सूचना
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : बेस अस्पताल में डायलिसिस यूनिट बंद होने के कारण समय पर महिला को इलाज नह
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : बेस अस्पताल में डायलिसिस यूनिट बंद होने के कारण समय पर महिला को इलाज नहीं मिलने पर हुई मौत मामले में अस्पताल प्रबंधन पर सवाल खड़ा हो गया है। यूनिट के दूसरी कंपनी के हस्तांतरण तक डायलिसिस प्रक्रिया बंद होने की सूचना मरीजों को नहीं दी गई थी। मरीज पहुंचे और बेबस बैरंग लौट गए। अस्पताल प्रबंधन की इसी लापरवाही ने महिला की जान ले ली।
बेस अस्पताल में पांच साल से राही केयर पीपीपी मोड में डायलिसिस यूनिट संचालित कर रही थी। उसका करार खत्म हो गया था। जिसके बाद नई कंपनी नेफ्रो प्लस को जिम्मेदारी दी गई। 19 मार्च को राही ने मशीनें हटवा लीं और 20 मार्च को नई कंपनी मशीनों को इंस्टॉल करने लगी। सोमवार को डायलिसिस कराने के लिए तमाम मरीज अस्पताल पहुंचे, लेकिन यूनिट बंद होने के कारण उन्हें बैरंग लौटना पड़ा। इन्हीं मरीजों में अल्मोड़ा ताड़ीखेत की 36 वर्षीय सुनीता भी शामिल थी। उसकी तबीयत अधिक खराब होने पर परिजन उसे एसटीएच ले गए। लेकिन वहां तीनों मशीने पहले से व्यस्त होने के कारण समय पर इलाज न मिलने से महिला तड़पते हुए तोड़ दिया।
तो यूनिट की मॉनिट¨रग की जिम्मेदारी किसकी
बेस अस्पताल के मुखिया खुद की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं, तो आखिर पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत संचालित हो रही यूनिट का बॉस कौन है। आखिर कौन मॉनिट¨रग करेगा?
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हमने मरीजों को कोई सूचना नहीं दी थी। राही केयर वालों ने सूचना दी। वैसे पीपीपी मोड में संचालित इस यूनिट का एमओयू ऊपर से ही होता है। मेरा सीधा हस्तक्षेप नहीं रहता। हालांकि, मैंने कुछ दिन तक 24 घंटे डायलिसिस करने के निर्देश दिए हैं, ताकि छूट गए मरीजों को लाभ मिल सके।
डॉ. एमएस बोहरा, प्रभारी प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक, बेस अस्पताल
बेस में डायलिसिस कराने पहुंची महिला एसटीएच में भर्ती
मंगलवार को सितारगंज निवासी 45 वर्षीय संजोरिका सरकार बेस अस्पताल में डायलिसिस कराने पहुंची थी, लेकिन उसकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई, तो उसे एसटीएच रेफर कर दिया गया। जहां आइसीयू में उसे भर्ती किया गया है।
एसडीएम कोर्ट के बाहर प्रदर्शन
महिला की मौत के मामले में जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की मांग को लेकर मंगलवार को कांग्रेस नेता हेमंत साहू के नेतृत्व में एसडीएम कोर्ट के बाहर लोगों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने सिटी मजिस्ट्रेट केके मिश्र को ज्ञापन सौंपकर मामले की जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।