पुलिस व आशा कार्यकत्रियां भिड़ी, 60 पर मुकदमा
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : देश में एक समान वेतन की मांग को लेकर प्रदर्शन के दौरान शनिवार को राष्ट्
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : देश में एक समान वेतन की मांग को लेकर प्रदर्शन के दौरान शनिवार को राष्ट्रीय राजमार्ग जाम करना आशा कार्यकत्रियों को भारी पड़ गया। पुलिस ने आंदोलनकारियों का नेतृत्व कर रहे आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन के प्रदेश महामंत्री समेत 11 नामजद व 60 अन्य के विरुद्ध राजमार्ग जाम करने का मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने अज्ञात आशा कार्यकत्रियों की पहचान शुरू कर दी है। वहीं आशाओं ने पुलिस पर महिलाओं को धक्का देने और अभद्रता का आरोप लगाया।
11 जुलाई से आशा कार्यकत्रियां महिला अस्पताल परिसर में धरना-प्रदर्शन कर रही हैं। मांगों पर कार्रवाई नहीं होने पर शनिवार को कार्यकत्रियां सड़क पर उतर आई और नैनीताल रोड पर केंद्र सरकार का पुतला फूंका। इस दौरान सड़क पर लंबा जाम लग गया। जाम की सूचना पर पुलिसकर्मी पहुंचे तो उनकी आशा कार्यकत्रियों से तीखी नोक-झोंक हो गई। हंगामा बढ़ने लगा और व्यस्ततम नैनीताल रोड पर वाहनों की कतार लग गई। आशाएं समझाने पर भी नहीं मानी तो पुलिस को सख्त रुख दिखाना पड़ा। कोतवाल राम सिंह मेहता के मुताबिक राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित करने व जाम लगने पर हीरानगर चौकी प्रभारी हेम चंद्र पंत की ओर से कोतवाली में तहरीर दी गई है। तहरीर के आधार पर आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन के प्रदेश महामंत्री कैलाश पांडे समेत ¨रकी जोशी, माया तिवारी, प्रीती रावत, दया पांडे, नीमा जोशी, कमला बिष्ट, भगवती, बीना थापा, दीपा आर्या व हेमलता के खिलाफ नामजद व करीब 60 आशा कार्यकत्रियों के विरुद्ध राष्ट्रीय राजमार्ग जाम करने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
सरकार को छोड़ पुलिस पर बरसीं आशा वर्कर्स
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : आशा वर्कर्स यूनियन का प्रदर्शन वैसे तो केंद्र सरकार के खिलाफ था, मगर लेकिन हाइवे जाम होने के बाद पुलिस की सख्ती से आशाओं का गुस्सा सरकार के बजाय पुलिस पर फूट पड़ा। जाम खुलवाने पहुंचे सिटी मजिस्ट्रेट हरबीर सिंह से भी झड़प हुई। इसी बीच पहुंचे सीपीयू जवानों पर आशाओं ने धक्का देने का आरोप लगाया तो पूरा आक्रोश पुलिस के खिलाफ मुड़ गया। यूनियन के प्रदेश महामंत्री कैलाश पांडे ने कहा कि पुलिस ने पहले तो पुतला दहन करने से रोकने का प्रयास किया। बाद में महिलाओं को धक्का मारकर हटाया गया। तहसील के सामने भाजपा के और नगर निगम में व्यापारियों के प्रदर्शन के कारण भी जाम लगा, लेकिन पुलिस ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की। पांडे ने कहा कि यदि दर्ज मुकदमे वापस नहीं लिए गए तो पुलिस के खिलाफ भी उग्र आंदोलन किया जाएगा। यूनियन की नीमा जोशी ने सीपीयू जवानों पर महिलाओं से बदसलूकी का आरोप लगाया। कहा कि शांति के बजाय कार्यकत्रियों को धक्का मारकर हटाया गया।
'आशा वर्कर्स ने प्रदर्शन के लिए पूर्व में कोई अनुमति प्रशासन से नहीं ली थी। महिला अस्पताल के सामने पूरी सड़क घेर लेने से नैनीताल मार्ग पर कई वाहनों के चक्के थम गए। इससे लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। कानून तोड़ने वालों पर रियायत नहीं बरती जाएगी।'
- स्वीटी अग्रवाल, एसएसपी, नैनीताल