सियासी संग्राम की थाह लेंगे शाह
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : प्रदेश में हाल में मची उथल-पुथल एवं आगे होने वाले सियासी संग्राम की थाह
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : प्रदेश में हाल में मची उथल-पुथल एवं आगे होने वाले सियासी संग्राम की थाह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह खुद लेंगे। मार्च में घटे घटनाक्रम से नफा-नुकसान और मिशन 2017 की सफलता के लिए शाह की रणनीति का पिटारा भी प्रांतीय परिषद की बैठक में खुलेगा। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष के पद पर विधिवत मुहर लगेगी तो नेता प्रतिपक्ष के नाम पर भी निर्णय लिया जा सकता है।
पहली बार हल्द्वानी में होने जा रही प्रांतीय परिषद की बैठक और उसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष की मौजूदगी ने भाजपा में जबरदस्त जोश भरा है। पूरा शहर भाजपामय है तो पदाधिकारियों ने भी ताकत झोंक रखी है। इधर नजरें सभी की राजनीतिक प्रस्ताव व राष्ट्रीय अध्यक्ष के संबोधन के साथ-साथ कोर कमेटी की बैठक पर हैं। भाजपा यहां अपने तीन माह पीछे व तीन माह आगे के कार्यक्रमों पर भी विस्तार से न केवल चर्चा करेगी, बल्कि उसकी समीक्षा भी खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष के सामने होगी। 18 मार्च के बाद से प्रदेश में घटे राजनीतिक संग्राम का मुद्दा चर्चा का बिंदु होगा। उसके बाद से लगातार चली उठापठक और आखिर में पूर्व की स्थिति में खड़ी पार्टी की वर्तमान स्थिति का एक्सरे भी अमित शाह की आंखों से होगा। हालांकि पिछले राजनीतिक घटनाक्रम के निष्कर्ष के तौर पर भाजपा ने नौ कांग्रेसी विधायकों को अपने पाले में खींचा और दो को गंवाया। ऐसे में भले ही बागी विधायकों की सदस्यता निलंबित हो गई हो, लेकिन कुनबा जरूर बढ़ गया। दूसरी ओर पार्टी छोड़ने वालों ने सवाल संघ प्रचारकों एवं सांसदों के दखल पर भी उठाए थे। ऐसे में यहां नफा व नुकसान दोनों का मूल्यांकन भी होगा। एक व्यक्ति एक पद की बात कहने वाली भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी अभी अजय भट्ट के पास है। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष पद पर उनका अनुमोदन आज होगा, लेकिन नेता प्रतिपक्ष का सवाल अभी अनुत्तरित है। संभव है कि कोर कमेटी में इस पर विचार हो।
सरकार को घेरने के लिए तैयार होगी रणनीति
हल्द्वानी : भाजपा ने अपने पोस्टर-बैनर में इस बार भय व भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाया है। परिषद की बैठक से पूर्व शहर भर को ऐसे ही स्लोगन से पाटा गया है। ऐसे में अगली रणनीति प्रदेश में खनन, जमीन एवं शराब की नीतियों पर सरकार को घेरने पर रहेगी। साथ ही अब तक तमाम घोटालों को गिनाने के अलावा सीएम के सलाहकार फिर खुद सीएम के स्टिंग का मुद्दा भी भ्रष्टाचार के लिहाज से पार्टी के लिए बड़ा है।