भीषण आग की भेंट चढ़े तीन आउट हाउस
संवाद सहयोगी, नैनीताल : जिला पंचायत दफ्तर को जोड़ने वाले लिंक मार्ग पर बने तीन आउट हाउस शनिवार शाम भी
संवाद सहयोगी, नैनीताल : जिला पंचायत दफ्तर को जोड़ने वाले लिंक मार्ग पर बने तीन आउट हाउस शनिवार शाम भीषण आग से धधक उठे। करीब तीन घंटे की मशक्कत, स्थानीय लोगों की मदद और फायर ब्रिगेड की गाड़ियों से पानी की बौछार कर आग की लपटों को बुझाया गया। इस अग्निकांड से तीनों घरों में रहने वाले लोग सड़क पर आ गए हैं। सारा सामान आग की भेंट चढ़ गया। आग लगने की वजह प्रारंभिक तौर पर शॉट सर्किट होना माना जा रहा है।
घटना शाम सात बजे की है। मालरोड से चिड़ियाघर रोड को निकलते हुए बीच से जिला पंचायत दफ्तर को लिंक जाता है। इसी मार्ग में होटल एवलिन के पीछे आउट हाउस हैं। जिसमें कमल पुत्र हरीश चंद्र, नवीन लाल पुत्र खुशीराम, रमेश पुत्र खड़क राम और रमेश लाल पुत्र फ़कीर राम का परिवार रहता था। सभी छुटमुट स्वरोजगार से घर चलाते हैं। आउट हाउस के बगल में बिशन सिंह भी रहते हैं। शाम करीब सात बजे कमल के परिवार के लोग बैठे थे कि तभी उन्हें नीचे के कमरे से धुआं उठता दिखाई दिया। वह कुछ समझ पाते कि पूरा घर घुएं से भर गया और भीषण लपटें उठने लगी। घर से फटाफट सामान हटाना शुरू किया गया और फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। सूचना पर बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता मो. उस्मान, एसडीओ प्रियंक पांडे, कंचन जोशी पहुंचे और तत्काल पूरे इलाके की बिजली सप्लाई बंद कराई गई। स्थानीय युवक पूरन महरा, सज्जन साह, राजेंद्र परगाई, निर्मल जोशी, आशा आर्या, मनोज जोशी, राजेंद्र कनवाल, ज्योति प्रकाश, समेत अनेक युवओं ने जान पर खेलकर घरों से सामान हटाया। फायर ब्रिगेड पहुंची तो उसमें पानी ही नहीं था।
इसके बाद लोगों ने घरों से और होटल की टंकियों से पानी ढोकर आग बुझानी शुरू की। तभी दूसरा फायर वाहन पहुंचा और बौछार शुरू की गई। घटनास्थल से 50 मीटर ऊपर हाई ड्रेंट था लेकिन ऐन मौके पर वह खुला ही नहीं। इसके बाद राजेंद्र परगाई ने बमुश्किल हाईड्रेंट खोले और तब जाकर फायर ब्रिगेड के पाइप से उसे जोड़ा गया। रात करीब 10 बजे आग बुझ पाई। आग से लाखों का घरेलू सामान, कपड़े, बर्तन जलकर राख हो गए। मौके पर चर्चा साजिशन आग लगाने की भी रही। एडीएम बीएल फिरमाल ने भी नुकसान का आंकलन किया।
सिलेंडर फटा तो भड़की लपटें
नैनीताल : आग की असल वजह भले ही जांच के बाद पता चलेगी ,मगर कुछ ही पल में इसकी विकरालता इतनी भयावह हो चुकी थी कि सामान बचाने का मौका तक प्रभावितों को नहीं मिला। आग की लपटों से घिरे घरों से दो सिलेंडर तो निकाल दिए, मगर एक आग की तपिश से फट गया। तेज धमाके से अफरातफरी मच गई और इससे आग भड़क गई। सूचना के बावजूद जलसंस्थान की ओर से हाइड्रेंट खोलने के लिए किसी कर्मचारी को नहीं भेजे जाने पर भी लोगों में भारी गुस्सा दिखा।
वरना बाकी आउट हाउस भी जलते
नैनीताल : अगर आग बुझाने में तत्काल स्थानीय लोग सहयोग के लिए नहीं जुटते तो जले आउट हाउसों से सटे मो. अबरार, आशा आर्य व अन्य के आउट हाउस भी नहीं बच पाते। आग बुझाने के दौरान प्रदीप परगाई छत से सामान निकालने को कूद गए जिससे वह जख्मी हो गए। तत्काल उन्हें बीडी पांडे अस्पताल भेजा गया। आखों के सामने पाई-पाई जोड़कर जुटाया गया सामान धू धू कर जलता देख प्रभावित परिवार फूट-फूट कर रोते रहे।