करीबी ने प्लानिंग के साथ उतारा मौत के घाट
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : अरुण की हत्या जिस तरीके से की गई। इससे ये तो साफ है कि हत्या को प्लानिं
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : अरुण की हत्या जिस तरीके से की गई। इससे ये तो साफ है कि हत्या को प्लानिंग के साथ अंजाम दिया गया। साथ ही शहर से दस किलोमीटर दूर अरुण को ले जाने वाला उसका कोई करीबी ही होगा। घटना स्थल से पुलिस को बीड़ी, माचिस व चरस के चूरे के साथ एक छोटे लिफाफे में अरुण की फोटो मिली है लेकिन ऐसा कोई हथियार नहीं मिला, जिसे हत्या के लिए प्रयोग किया गया। मंगलवार शाम करीब सात बजे अरुण को उसके सौतेले बड़े भाई रवि ने बरेली रोड स्थित पाल कांप्लेक्स के पास खड़ा देखा था। इस पर रवि ने उसे डांटते हुए घर जाने के लिए कहा था लेकिन वह घर नहीं पहुंचा। इसके अलावा घटनास्थल को देखने से प्रतीत होता है कि अरुण की हत्या वहीं पर की गई और अरुण को नशे में इतना चूर कर दिया गया कि उसमें विरोध करने की क्षमता ही खत्म हो गई। परिवार की माने तो उनकी किसी से रंजिश नहीं है। प्रॉपर्टी विवाद से भी इंकार किया तो अब पुलिस प्रेम-प्रसंग या अवैध संबंध की तरफ तफ्तीश कर रही है। मुखानी थानाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह बृजवाल का कहना है कि वारदात में दो या उससे अधिक लोग शामिल होंगे और वारदात स्थल जंगल ही है। पुलिस ने अरुण के दोस्तों, साथ में उठने-बैठने वालों की तलाश शुरू कर दी है। साथ ही ये भी पता लगाया जा रहा है कि कोई करीबी मंगलवार शाम से शहर से फरार तो नहीं है।
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शाम को तिकोनिया थी मोबाइल की लोकेशन
अरुण के मोबाइल नंबर की अंतिम लोकेशन शाम के समय तिकोनिया आई है। हालांकि, बुधवार को कार्यालयों की छुट्टी थी। इस वजह से अपडेट लोकेशन नहीं मिल पाई। इसके अलावा कॉल डिटेल भी निकाली जा रही है।
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पिछले साल गया था जेल
अरुण पर 2014 में सरस मार्केट में एक युगल को पकड़ने के बाद नर्सिग की छात्रा से अश्लील हरकतें करने व वीडियो क्लीपिंग बनाकर लूटपाट करने का आरोप लगा था। इस मामले में पुलिस ने उसे गिरफ्तार भी किया था।
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पांच भाई-बहनों में चौथे नंबर का था
अरुण पांच भाई-बहनों में चौथे नंबर का था। उसकी तीन बहनें व एक छोटा भाई है। अरुण की अभी शादी नहीं हुई थी। परिजनों की करुण क्रंदन से केनाल कालोनी में मातमी माहौल था।
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सात साल से था बेरोजगार
कुछ समय पहले तक वह सरस मार्केट में स्थित सिंचाई विभाग के दफ्तर में संविदा पर कार्यरत था। पिछले सात माह से वह बेरोजगार चल रहा था। हालांकि दिसंबर से उसे सिंचाई विभाग में ही संविदा में नौकरी करने की अनुमति मिल गई थी। हालांकि इन दिनों वह निजी काम कर रहा था। अरुण की मां आशा देवी सिंचाई विभाग में ही चतुर्थ श्रेणी कर्मी है। मंगलवार को वह अंबेडकरनगर में देवी जागरण में गई थी और रात को मौसेरे भाई महेश के घर पर ही रुक गई। सुबह उन्हें वहीं इस दुखद घटना का पता लगा।
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