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नहीं मिली दवा, दर्द दे गई बंदी

हल्द्वानी/नैनीताल : डीएम ने दो दुकानों में गड़बड़ी क्या पकड़ ली, जिले का हर दवा दुकानदार तिलमिला उठा

By Edited By: Published: Thu, 30 Jul 2015 09:10 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2015 09:10 PM (IST)
नहीं मिली दवा, दर्द दे गई बंदी

हल्द्वानी/नैनीताल : डीएम ने दो दुकानों में गड़बड़ी क्या पकड़ ली, जिले का हर दवा दुकानदार तिलमिला उठा। इस कारोबार में गड़बड़ियों की पूरी संभावना है, लिहाजा कार्रवाई आगे न हो, इसका दबाव बनाने के लिए विरोध स्वरूप सभी दुकानें बंद कर दी गई। इसके चलते गुरुवार को दोपहर तक अधिकांश दवा दुकानें बंद रहीं, दवा न मिलने से अधिकांश मरीज पीड़ा से कराहते रहे। हालांकि इन लोगों ने बंदी का फैसला डीएम से मिलवाने के आश्वासन के बाद वापस ले लिया।

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एक-एक फार्मासिस्ट के नाम पर चल रहीं कई-कई दवा की दुकानों व और अधिक गंभीर शिकायतें मिलने पर बुधवार को डीएम दीपक रावत ने नैनीताल में दवा की दो दुकानों पर छापा मारा, जिसमें भारी खामियां उजागर हो गईं। इस पर दोनों दुकानें सीज कर दी गईं। कार्रवाई का यह क्रम आगे न बढ़े, लिहाजा दवा विक्रेताओं ने इसे उत्पीडनात्मक कार्रवाई का नाम देते हुए दवा की दुकानें बंद करने का फैसला सुना दिया। गुरुवार को इसी क्रम में जिले की अधिकांश दुकानें बंद भी रहीं। गुरुवार को कुछ दुकानदार सिटी मजिस्ट्रेट से वार्ता को पहुंचे तो कुछ एसटीएच में दुकानें बंद कराने पहुंच गए। यह सूचना जब सिटी मजिस्ट्रेट को मिली तो वे वार्ता छोड़ हरबीर भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने दुकान बंद नहीं होने दी।

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डीएम से वार्ता के आश्वासन पर माने

सिटी मजिस्ट्रेट ने एसोसिएशन के पदाधिकारियों से वार्ता की। हरबीर सिंह ने शनिवार को डीएम से वार्ता कराने का आश्वासन दिया। इसके बाद दवा व्यापारी मान गए। दोपहर बाद से जिले की अधिकांश दवा दुकानें खुलनी शुरू हो गई।

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उत्पीड़न के चलते बंद की दुकानें

जिला कैमिस्ट एसोसिएशन के महासचिव राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि एसोसिएशन के सदस्यों की दुकानें सीज कर दी गई। इस तरह के उत्पीड़न के विरोध में दुकानें बंद की गई थी। इसके लिए सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन भी सौंपा है।

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आवश्यक सेवा बंद करना अपराध : डीएम

डीएम दीपक रावत ने बताया, दवा आवश्यक सेवाओं में आता है। इसे बंद रखना अपराध था। चेकिंग करना उनका अधिकार है। गलती पर कार्रवाई अवश्य होगी। अब आगे से लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा। इन दुकानदारों ने इसलिए दुकानें बंद कर दी कि कहीं इनके वहां भी छापा नहीं पड़े। लेकिन, यह चेकिंग अभियान जारी रहेगा।

इनसेट..

डीआई के खिलाफ शासन को भेजी रिपोर्ट

डीएम के बुलाने पर जब ड्रग इंसपेक्टर दीपक सिंह मौके पर नहीं पहुंचे तो उन्होंने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को पत्र लिख दिया। इसमें उन्होंने लिखा है, जो कार्य डीआई को करना चाहिए था। वह नहीं कर रहे हैं। दवा विक्रेता मनमानी पर उतारू हैं, लेकिन निरीक्षण तक नहीं हो रहा है। इसके बाद गुरुवार को डीआई जिलाधिकारी से मिलने पहुंचे।

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आखिर इस पर चुप क्यों प्रशासन

- कुछ बिना फार्मासिस्ट तो अधिकांश एक फार्मासिस्ट के नाम पर चल रही हैं दुकानें

- कई दुकानों में बिना बिल के बेची जा रही हैं दवाइयां

- अनिवार्यता के बावजूद शिड्यल एच का पालन नहीं किया जा रहा

- नारकोटिक्स से संबंधित दवाइयां बेरोकटोक यूं ही बेची जा रही हैं

- पीजी बेस्ड की दवाइयां धड़ल्ले से बेची जा रही हैं।


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