ऑनर किलिंग में पिता समेत चार को उम्रकैद
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : ऑनर किलिंग के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश हल्द्वानी की कोर्ट ने पित
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : ऑनर किलिंग के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश हल्द्वानी की कोर्ट ने पिता सहित चार अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। जबकि साक्ष्य छिपाने पर एक अन्य अभियुक्त को सात साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। अभियुक्त पिता ने दो बेटियों की हत्या के बाद खुद ही प्राथमिकी भी दर्ज कराई थी।
अभियोजन के मुताबिक मामला अक्टूबर 2008 का है। नैना गांव नैनीताल की खाई में 15 अक्टूबर को दो युवतियों के सड़े-गले शव मिले थे। अगले दिन समाचार पत्रों में यह खबर छपने के बाद ग्राम नगलिया आकिल कुमरिया थाना अजीमनगर जिला रामपुर निवासी मुश्ताक अली पुत्र आशक अली ने नैनीताल कोतवाली में फोन कर पुष्टि की। तीन दिन बाद 19 अक्टूबर को नैनीताल पहुंचकर मुश्ताक ने शवों की पहचान अपनी पुत्री शहनाज उर्फ मैना तथा राशिदा के रूप में की। साथ ही कोतवाली में रिपोर्ट लिखाई कि दो अक्टूबर से उसकी दोनों पुत्रियां नानी के घर बिलासपुर जाने को कहकर निकली थीं। आरोप लगाया कि मोहल्ला भट्टी बिलासपुर निवासी बब्बू कुरैशी व शमशाद ने उसकी पुत्रियों की हत्या कर लाश यहां लाकर खाई में फेंक दी। मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने पूरे मामले में छानबीन की तो कुछ और ही सच्चाई सामने आई। मुश्ताक द्वारा ही लड़कियों के चरित्र को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़कर देखा जा रहा था, इसीलिए उसने दोनों को ठिकाने लगाने के लिए बब्बू कुरैशी, कुमरिया निवासी याकूब और नफीस अहमद और नगलिया निवासी मो. मुजम्मिल को साथ लिया था। मामले का विचारण एडीजे नितिन शर्मा की अदालत में चला। अभियोजन की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) नवीन जोशी ने 19 गवाह परीक्षित कराए। साथ ही पिता द्वारा अपनी प्रतिष्ठा को सवाल बनाते हुए हत्या करने के ठोस तर्क दिए। न्यायालय ने मामले को ऑनर किलिंग का मानते हुए पिता मुश्ताक सहित चारों अभियुक्तों याकूब अली, बब्बू कुरैशी, नफीस को आजीवन कारावास व पांच-पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। जबकि अभियुक्त मुजम्मिल को साक्ष्य छिपाने के आरोप में सात साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई।