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शिक्षिका से दुष्कर्म मामले में अभियुक्त को 10 साल कैद

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : अपर सत्र न्यायाधीश नितिन शर्मा की अदालत ने शिक्षिका से दुष्कर्म के मामल

By Edited By: Published: Sat, 23 May 2015 08:13 PM (IST)Updated: Sat, 23 May 2015 08:13 PM (IST)
शिक्षिका से दुष्कर्म मामले में अभियुक्त को 10 साल कैद

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : अपर सत्र न्यायाधीश नितिन शर्मा की अदालत ने शिक्षिका से दुष्कर्म के मामले में अभियुक्त को 10 साल कैद एवं 35 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। हुसैनपुरा, शाहजहांपुरा निवासी अभियुक्त शिक्षिका के पिता के मकान में ही किराए पर रहता था।

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शनिवार को एडीजे (प्रथम) नितिन शर्मा की अदालत में हल्द्वानी के चर्चित दुष्कर्म मामले में सजा पर सुनवाई हुई। अभियोजन के मुताबिक बरेली रोड स्थित एक कालोनी में विधवा शिक्षिका अपने पिता के साथ रहती थी। एक जनवरी 2013 को शिक्षिका ने हल्द्वानी कोतवाली में पिता के मकान में ही रहने वाले किराएदार कुलदीप सिंह पुत्र रघुराज सिंह के खिलाफ मुकदमा लिखाया। जिसमें पांच माह में चार बार दुष्कर्म करने, अश्लील वीडियो क्लीपिंग बनाकर ब्लैकमेल करने एवं कार्रवाई करने पर जान से मारने की धमकी का आरोप लगाया। मूल रूप से मोहल्ला हुसैनपुरा थाना शाहजहांपुर (उप्र) निवासी कुलदीप यहां पत्‍‌नी व एक बेटी के साथ रहता था और प्राइवेट कंपनी में जॉब करता था। मामले का विचारण एडीजे कोर्ट में चला। यहां अभियोजन की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) नवीन जोशी ने सात गवाह पेश कराए। साथ ही अभियुक्त द्वारा पीड़िता के साथ की गई मोबाइल पर बातचीत व मैसेज के रिकार्ड बतौर साक्ष्य प्रस्तुत किए। यही नहीं पुलिस जांच में अभियुक्त के पास से मिली किसी अन्य स्त्री के साथ शारीरिक संबंध बनाने की वीडियो भी अदालत में प्रस्तुत की गई। दोनों पक्षों को सुनने एवं पत्रावली पर मौजूद साक्ष्य के क्रम में एडीजे प्रथम नितिन शर्मा ने अभियुक्त कुलदीप को आईपीसी की धारा 376 के लिए 10 वर्ष की कैद व 20 हजार जुर्माना, धारा 452 के लिए सात वर्ष कैद व पांच हजार जुर्माना तथा धारा 506 के तहत सात वर्ष कैद व 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।

==अदालत ने की टिप्पणी==

अभियुक्त का कृत्य गंभीर है। ऐसे अपराधी का खुला घूमना स्वस्थ व सभ्य समाज के लिए उचित नहीं है। साथ ही सजा में अनावश्यक सहानुभूति से भी समाज में सही संदेश नहीं जाएगा। न्यायालय ने अभियुक्त से होने वाली अर्थदंड की वसूली में से भी 80 प्रतिशत पीड़िता को देने के निर्देश दिए।


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